जुलाई तक कांग्रेस व बसपा यूपी विधान परिषद से हो जाएगी खत्म

प्रखर डेस्क। यूपी विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की बहुमत के बाद अब विधान परिषद का चुनाव हो रहा है। बतादें कि विधानसभा चुनाव में बसपा व कांग्रेस की करारी हार के बाद अब विधान परिषद चुनाव में शिरकत न करने के कारण उत्तर प्रदेश से बसपा व कांग्रेस का सफाया सफाया होता दिख रहा है। बतादे कि जुलाई तक बसपा व कांग्रेस पूरी तरह से साफ होती दिख रही है। क्योंकि काग्रेस के पास दो तो बसपा के पास सिर्फ एक विधायक उत्तर प्रदेश में बचा है एल। आइए एक नजर विधान परिषद की उन डेढ़ दर्जन सीटों पर हैं जो 2022 में खाली हो रही हैं। इनमें तीन-तीन सीटें 28 अप्रैल और 26 मई को रिक्त हो रही हैं। वहीं 12 सीटें छह जुलाई 2022 तक रिक्त होंगी। इनमें उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या की सीट भी है, जिनका कार्यकाल जुलाई में पूरा हो रहा है। जुलाई में कांग्रेस और बसपा का प्रतिनिधित्व भी विधानपरिषद से खत्म हो जाएगा। चूंकि केशव प्रसाद मौर्या सिराथू से चुनाव हार चुके हैं लिहाजा उन्हें दोबारा विधानपरिषद की सदस्यता लेनी पड़ेगी। इसी अप्रैल में सपा के बलवंत सिंह रामूवालिया, जाहिद हसन, वसीम बरेलवी और मधुकर जेटली का कार्यकाल पूरा हो रहा है। वहीं मई में ही सपा के एमएलसी डा राजपाल कश्यप, अरविंद कुमार सिंह और डा संजय लाठर भी विधानपरिषद से विदा लेंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कार्यकाल जुलाई में पूरा हो रहा है लेकिन उन्होंने इस्तीफा दे दिया है। कांग्रेस के एकमात्र विधायक दीपक सिंह और बसपा के दिनेश चन्द्र, सुरेश कुमार कश्यप, अतर सिंह राव भी विधानपरिषद से विदा हो जाएंगे। इसके साथ ही कांग्रेस और बसपा का प्रतिनिधित्व विधान परिषद में खत्म हो जाएगा क्योंकि इस बार कांग्रेस के दो और बसपा के एक विधायक ही विधानसभा पहुंचे हैं। इसके अलावा सपा के जगजीवन प्रसाद, बलराम यादव, डा कमलेश कुमार पाठक, रणविजय सिंह, राम सुंदर दास निषाद, शतरुद्र प्रकाश, भाजपा के भूपेन्द्र सिंह का कार्यकाल भी जुलाई में पूरा होगा।