योगी मंत्रीमंडल में दयाशंकर मिश्र दयालु व दानिश आजाद सहित छह लोग किसी भी सदन के सदस्य नहीं!

प्रखर लखनऊ। योगी सरकार -2 में इस बार जिन छह नए चेहरों को भी जगह मिली है, वो लोग किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं। वहीं जिन छह नए चेहरों को कैबिनेट में जगह दी गई है, उन्हें अगले छह महीने में विधानसभा या विधान परिषद का सदस्य बनना जरूरी होगा। इसमें जेपीएस राठौर, नरेंद्र कश्यप, दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’, जसवंत सैनी, दिनेश प्रताप सिंह और दानिश आजाद अंसारी का नाम शामिल है। ये ऐसे मंत्री फिलहाल किसी भी घर के सदस्य नहीं हैं। बीजेपी पिछड़ा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र कश्यप और बीजेपी ने प्रदेश महासचिव और यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष जेपीएस राठौर को योगी कैबिनेट में स्वतंत्र प्रभार वाला राज्यमंत्री बनाया है. इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के कर्मठ नेता दयाशंकर मिश्रा ‘दयालु’ को मंत्री बनाया गया है. यानी नीलकंठ तिवारी की जगह उनको ब्राह्मण चेहरे के तौर पर पेश किया गया। बता दें कि योगी सरकार के पहले कार्यकाल में तिवारी को मंत्री बनाया गया था। वहीं योगी सरकार में कांग्रेस का गढ़ कहे जाने वाले रायबरेली के दिनेश प्रताप सिंह को भी स्वतंत्र प्रभार वाला राज्यमंत्री बनाया गया है। उधर, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के नेता जसवंत सैनी को भी योगी कैबिनेट में जगह दी गई है। योगी आदित्यनाथ की पिछली सरकार में यूपी पिछड़ा वर्ग आयोग का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद अब जसवंत सैनी को राज्यमंत्री की जिम्मेदारी दी गई है। वहीं कैबिनेट में मुस्लिम चेहरे के तौर पर दानिश को शामिल किया गया है। बलिया के रहने वाले दानिश दलित मुस्लिम वर्ग से आते हैं। लिहाजा इस बार बीजेपी ने शिया की जगह सुन्नी मुस्लिम को कैबिनेट में जगह देकर कई संदेश देने की कोशिश की है।