ग़ाज़ीपुर- वित्तपोषित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला हुई सम्पन्न

प्रखर ब्यूरो ग़ाज़ीपुर। राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय गाजीपुर में भूगोल विभाग द्वारा उत्तर सरकार द्वारा वित्तपोषित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला सम्पन्न हुई। इस कार्यशाला का विषय रहा “कार्टोग्राफी एंड जिओस्पेशियल टेक्नोलॉजी”। इस राष्ट्रीय कार्यशाला के दूसरे दिन प्रातः 09:00 बजे डा. संजीव सिन्हा NATMO कोलकाता, का व्याख्यान हुआ जिसका विषय था “भूस्थानिक तकनीक में संभावनाएं”। डिजिटल रिसोर्स विषय पर मार्गदर्शन तथा प्रशिक्षण डॉ. आलोक चौहान VMOU कोटा राजस्थान ने प्रदान किया। इसके उपरांत डॉ. संजीव कुमार चौबे भूगोल विभाग, सतीश चंद्र कॉलेज बलिया, “जियोस्पेशल तकनीक” पर व्याख्यान दिया। डॉ. संजय भारती नेहरू ग्राम्य भारती प्रयागराज, प्रोफेसर एन.के. राना बीएचयू तथा डॉ. उमाकांत सिंह महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के द्वारा उच्च स्तरीय व्याख्यान दिए गए। इस अवसर पर बलिया से प्रकाशित अंतरराष्ट्रीय शोध जर्नल आर्यावर्त शोध विकास पत्रिका का विमोचन भी अतिथियों द्वारा किया गया।
राष्ट्रीय कार्यशाला में सतीश चंद्र बलिया कॉलेज, महिला महाविद्यालय, सहजानंद कॉलेज, पी जी कॉलेज, सत्यदेव डिग्री कॉलेज, बीएचयू, चंदौली, भदोही जैसे शिक्षण संस्थानों से बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं तथा शिक्षकों ने प्रतिभाग किया। कार्यशाला के समापन सत्र में मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित छपरा विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर हरिकेश सिंह ने राष्ट्रीय कार्यशाला की गरिमा को और भी ऊंचाइ प्रदान की। समापन समारोह में बोलते हुए प्रोफेसर सिंह ने कहा कि ज्ञान अपने आप में सम्पूर्ण होता है। यह कार्यशाला उस ज्ञान को सीखने का एक उत्कृष्ट माध्यम है। समापन सत्र के विशिष्ट अतिथि भोज विश्वविद्यालय उज्जैन के प्रो आनंद सिंह ने ज्ञान को परिधि मुक्त बताया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही प्राचार्य प्रोफेसर सविता भारद्वाज ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि यह कार्यशाला बहु उपयोगी एवं अत्यंत प्रासंगिक है। प्रतिभागी ज्ञान के इस नए आयाम को सीखकर इससे लाभान्वित होंगे। राष्ट्रीय कार्यशाला के संयोजक भूगोल विभाग के अध्यक्ष डॉ. संतन कुमार राम में सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया और कहा कि इस कार्यशाला के माध्यम से प्रतिभागी मानचित्रकारों तथा मानचित्र कला की विभिन्न तकनीको से अवश्य लाभान्वित होंगे। मानचित्रकार के रूप में करियर बनाने की दिशा में भी उनमें अभिरूचि के विकास में यह राष्ट्रीय कार्यशाला सहायक होगी।
इस राष्ट्रीय कार्यशाला के आयोजन में डॉ. सत्येंद्र सिंह , डॉ. अकबरे आजम, डॉ. उमाशंकर, डॉ. पीयूष, रामनाथ केसरवानी, डॉ. सारिका सिंह, डॉ. निरंजन यादव , डॉ. शशिकला जायसवाल, ओम शिवानी, डॉ. विकास सिंह, डॉ. मनीष कुमार, डॉ. सुमन आदि ने अपना अमूल्य सहयोग प्रदान किया। समापन सत्र का संचालन डॉ. निरंजन कुमार यादव ने किया।