ग़ाज़ीपुर- कुसंग से पतन और सुसंग से उत्थान निश्चित होता है- फलाहारी बाबा

प्रखर ब्यूरो भांवरकोल/ग़ाज़ीपुर। क्षेत्र के पालियां गांव स्थित गंगा तट हनुमान मंदिर पर आयोजित यज्ञ में अयोध्या से पधारे महामंडलेश्वर शिवराम दास उर्फ फलाहारी बाबा ने कहा कि यज्ञ भगवान के परिक्रमा करने से दैहिक दैविक और भौतिक तीनों ताप समाप्त हो जाता है। परिक्रमा करने से शारीरिक कष्ट प्रणाम करने से दैविक प्रकोप तथा प्रसाद पाने से भौतिक कष्ट कम होता है। अध्यात्म आत्मा को पुष्ट तुष्ट और संतुष्ट करता है। भगवान के नाम उच्चारण से वाणी, दान से धन, सत्संग से मन का शुद्धिकरण होता है। सत्संग और कथा दशा नहीं दिशा बदलती है। दशा इसलिए बिगड़ी है कि दिशा गलत है। यदि दिशा सही हो जाए तो दशा एक न एक दिन अवश्य सुधर जाती है। जहां काम क्रोध और लोभ का बसेरा हो वह उसी का नाम कोप भवन है। रामचरितमानस में बनवास प्रसंग में फलारी बाबा ने कहा कि कई कई विरोध मंत्रालय और दशरथ काम के वशीभूत हो गए तुलसीदास जी ने कटाक्ष किया है। सो सुनिए तिय रिस गयऊ सुखाई देखहु काम प्रताप बडाई। जहां काम क्रोध और लोभ इकट्ठे हो जाते हैं वहां पर भले ही राम जन्म लिए हों लेकिन राम का बनवास निश्चित हो जाता है। मंथर आरोपी गलत संगति में कैकई को रानी से भिखारी बना दिया। युवा वर्ग को अपनी दोस्ती सोच समझ कर करना चाहिए। कुसंग से पतन और सुसंग से उत्थान निश्चित होता है। जवानी राम को भी आई जवानी रावण की भी आई जवानी सीता की भी आई जवानी सुपनखा की भी आई कहानी दोनों ने बनाई ऐसी कोई जवानी नहीं जिसकी कहानी ना हो, लेकिन ध्यान रहे राम की कहानी बनानी पड़ती है। सीता की कहानी बनानी पड़ती है। रावण और सुपनखा की कहानी बन जाया करती है। मानस में अयोध्या कांड राम का युवावस्था है और राम की जवानी संतो के अधीन रही भारद्वाज जी से रास्ता पूछे, बाल्मीकि जी से ठहरने का जगह पूछें, तब आज राम एक आदर्श के रूप में समाज के मानस पटल पर अमिट रूप से अंकित है। युवावस्था में सोच समझकर कदम उठाना चाहिए। इस मौके पर मुख्य यजमान पहलाद राम, मद्रासन यादव, अमरनाथ यादव, जोगिंदर राय, मुनींद्र नाथ राय, रविंद्र ठाकुर, द्रोपती देवी, श्री गुरु जाधव, पारस यादव, शिव मोहन यादव, बबन यादव, चंद्रिका राय, रमेश राय, उमेश राय, संतोष चौधरी, ग्राम प्रधान रामदुलार यादव, विश्वनाथ राम, शिव मुनि राम, मिथिलेश यादव, बंगाली उपाध्याय, राजेश यादव, अखिलेश उपाध्याय आदि श्रद्धालु उपस्थित रहे।