नेपाल में मजदूरी करने गए कुछ भारतीय अचानक बने करोड़पति, इनकम टैक्स जांच में जुटी


प्रखर सिद्धार्थनगर। भारत- नेपाल सीमा का जिला सिद्धार्थनगर भारतीय सीमा क्षेत्र का आखिरी इलाका है। दोनों देशों के बीच 68 किलोमीटर की खुली सीमाएं एक दूसरे से मिलती हैं. यहां अचानक अमीर हुए लोगों पर पुलिस की नजर है. यहां के 22 नवधनाढ्यों को चिह्नित किया गया है. पुलिस अब आयकर विभाग की मदद लेकर इनकी विस्तृत कुंडली तैयार कर रही है. इसके साथ ही सरहद के संदिग्ध मामलों पर सीधे नजर रखी जा रही है.
भारत-नेपाल सीमा पर वे धनकुबेर चयनित होने लगे हैं, जो कुछ वर्ष पहले दिहाड़ी मजदूर थे और अब आलीशान बंगलों के मालिक हो गए हैं. सीमावर्ती क्षेत्रों से लेकर महानगरों में उनकी बड़ी-बड़ी कोठियां बनी हुई हैं. इनके हाथ कुबेर का खजाना कैसे लगा इसकी जांच पुलिस ने शुरू कर दी है. करीब 4 माह पूर्व सूची तैयार की गई, इसमें 22 ऐसे संदिग्धों के नाम शामिल है, जिन्होंने बगैर किसी ठोस काम किए अचानक से अकूत संपत्ति अर्जित कर ली. इनमें से 10 लोगों के खिलाफ तेजी से जांच चल रही है और 5 लोगों के खिलाफ पुलिस ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। पुलिस अधीक्षक डॉ. यशवीर सिंह ने कहा कि अचानक अकूत संपत्ति के मालिक बन गए लोगों की सूची तैयार की जा रही है. आयकर विभाग से भी सहयोग लिया जा रहा है. स्थानीय स्तर पर इनकी पूर्व की स्थिति की भी जांच की जा रही है. अपराधिक इतिहास भी खंगाला जा रहा है. गड़बड़ी मिलने पर संबंधित के खिलाफ ठोस कार्रवाई की जाएगी. भारत-नेपाल सीमा के खुनुवां बॉर्डर पर स्थित शोहरतगढ़ थाना क्षेत्र में सर्वाधिक 3 नवधनाढ्य चिह्नित किए गए हैं. इनमें से दो संदिग्ध ऐसे हैं, जो एक दशक पूर्व दिहाड़ी मजदूरी किया करते थे. भारत नेपाल सीमा से एकदम सटे गांव के नेपाल निवासी एक संदिग्ध को वर्ष 2015 में नेपाल पुलिस ने सीमावर्ती गांव मर्यादपुर के पास से नकली भारतीय मुद्रा व असलहों की खेप के साथ गिरफ्तार किया था. इस नवधानढ्य के पास काठमांडू से लेकर दिल्ली तक क‌ई संपत्ति हैं।