पूर्व सांसद धनंजय पर अपहरण व रंगदारी का मुकदमा करने वाला वादी कोर्ट में मुकरा

प्रखर जौनपुर। नमामि गंगे परियोजना के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल के अपहरण और रंगदारी मांगने के मामले में शुक्रवार को नया मोड़ आ गया। अपर सत्र न्यायाधीश (एमपी-एमएलए कोर्ट) में हाजिर वादी अभिनव सिंघल ने ऐसी किसी भी घटना कर दिया। उसने बयान दिया कि न तो उसका अपहरण हुआ था और ना ही उससे रंगदारी मांगी गई थी। जबकि अभिनव सिंघल ने 10 मई 2020 को थाना लाइनबाजार में अपहरण, रंगदारी व अन्य धाराओं में धनंजय सिंह व उनके साथी संतोष विक्रम पर मुकदमा दर्ज कराया था।शुक्रवार को अपर सत्र न्यायाधीश (एमपी-एमएलए कोर्ट) में पूर्व सांसद धनंजय सिंह व उनके सहयोगी संतोष विक्रम कोर्ट में शुक्रवार को हाजिर हुए। वादी अभिनव सिंघल ने कोर्ट के आदेश पर हाजिर होकर अपना बयान दिया। सरकारी वकील अरुण ने बताया कि वादी अभिनव सिंघल अपहरण और रंगदारी मांगने की बात से मुकर गया और उसे पक्षद्रोही घोषित किया गया। आरोपियों की ओर से वादी की जिरह करने वाले अधिवक्ता उमेश ने बताया कि वादी का कहना है कि वह स्वेच्छा से पूर्व सांसद धनंजय सिंह के घर गया था। उसका न तो अपहरण हुआ न रंगदारी मांगी गई। न ही धमकी दी गई। कोर्ट ने अगले गवाह सत्य प्रकाश को 21 अप्रैल को तलब किया है। नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर मुजफ्फरनगर निवासी अभिनव सिंघल ने 10 मई 2020 को थाना लाइन बाजार में अपहरण, रंगदारी व अन्य धाराओं में पूर्व सांसद धनंजय सिंह और उनके साथी संतोष विक्रम पर मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप लगाया गया था कि संतोष विक्रम दो साथियों के साथ उनका अपहरण कर पूर्व सांसद के आवास पर ले गए। वहां धनंजय सिंह पिस्टल लेकर आए। गालियां देते हुए सामग्री की आपूर्ति करने के लिए दबाव बनाया। इंकार करने पर धमकी देते हुए रंगदारी मांगी। मामले में पूर्व सांसद की गिरफ्तारी हुई थी। हालांकि बाद में उच्च न्यायालय इलाहाबाद से जमानत हुई थी।