ग़ाज़ीपुर- विश्व पृथ्वी दिवस 22 अप्रैल वह तारीख है जो धरती को समर्पित है- फादर विक्टर

– अगर स्थिति ऐसी ही बिगड़ती रही तो जंगल, जमीन, जीव, जंतु सभी लुप्त हो जाएंगे।

प्रखर ब्यूरो ग़ाज़ीपुर। विश्व पृथ्वी दिवस 22 अप्रैल, यह वह तारीख है जो धरती को समर्पित रहती है। हर साल इस दिन विश्व के सभी 192 देश विश्व पृथ्वी दिवस या अंग्रेजी में कहें तो वर्ल्ड अर्थ डे मनाते हैं। तो चलिए जानते हैं वर्ल्ड अर्थ डे के बारे में कि यह मनाया जाना आरम्भ कैसे हुआ, इसकी थीम क्या रहती है और इसका महत्व क्या है।
तो बात शुरू होती है 1960-70 के दशक से, जब पेड़ों की अंधाधुंध कटाई की जा रही थी। पूरे के पूरे जंगल साफ़ किए जा रहे थे। दुनिया का ध्यान इस तरफ आकर्षित करने और पृथ्वी के संरक्षण करने या बचाने के लिए सितम्बर 1969 में सिएटल, वाशिंगटन में एक सम्मलेन हुआ। इस सम्मलेन में विस्कोंसिन के अमेरिकी सीनेटर जेराल्ड नेल्सन ने यह घोषणा की कि 1970 की वसंत में पर्यावरण पर राष्ट्रव्यापी जन साधारण प्रदर्शन किया जाएगा। 1970 में हुए इस राष्ट्रव्यापी जन आंदोलन में अमेरिका में स्कूलों, कॉलेजों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया, जिससे इस आंदोलन में बीस हज़ार लोग शामिल हुए। फादर पी विक्टर ने बताया की पृथ्वी दिवस मनाना आरम्भ हो चुका था पर वैज्ञानिकों के लिए या पर्यावरणविदों के लिए अभी भी बढ़ता प्रदूषण और पृथ्वी का बिगड़ता संतुलन चिंता के विषय थे। सभी को चिंता थी कि अगर स्थिति ऐसी ही बिगड़ती रही तो जंगल, जमीन, जीव, जंतु सभी लुप्त हो जाएंगे। इसी विषय को ध्यान में रखते हुए 1992 में ब्राज़ील की राजधानी रिओ डे जेनेरिओ में एक सम्मलेन हुआ जिसे अर्थ समिट, पृथ्वी सम्मेलन या रिओ समिट के नाम से जाना गया। इस सम्मेलन में 172 देशों के प्रतिनिधियों, हजारों स्वयंसेवी संगठनों और अनेक बहुराष्ट्रीय निगमों ने भाग लिया। इस सम्मेलन से पृथ्वी को विश्व राजनीति से एक ठोस आधार मिला जिसके बाद एजेंडा-21 पारित किया गया जो पृथ्वी के संरक्षण का मार्गदर्शक बना है। हर वर्ष 22 अप्रैल यानि विश्व पृथ्वी दिवस पर संयुक्त राष्ट्र और यूनेस्को द्वारा एक थीम जारी की जाती है, जिसके माध्यम से विश्व के सभी 192 देशों में यह यह मनाया जाता है। इस थीम के माध्यम से पृथ्वी के संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाना आसान हो जाता है। वर्ष 2020 में जब दुनिया कोरोना जैसे नए वायरस से लड़ रही थी, लॉक डाउन, क़्वारंटीन, कॉन्सेंट्रेटर जैसे भारी भारी शब्द पहली बार सुनने को मिल रहे थे, तब भी विश्व पृथ्वी दिवस मनाया गया, एक ऐसे जज़्बे के साथ कि जब यह महामारी समाप्त हो जाएगी तो हम इस पृथ्वी का पुनरुत्थान करेंगे और फिर से एक बेहतर दुनिया बनाएंगे। 2020 में इस दिन की थीम थी क्लाइमेट एक्शन। 2021 में जब दुनिया की स्थिति सुधरने लगी और जीवन पटरी पर आने लगा तब इस दिन की थीम थी रिस्टोर आवर अर्थ। इस वर्ष 2022 में इसकी थीम है हमारी धरती, हमारा स्वास्थ्य। जैसी स्थिति पृथ्वी की होती है वैसा ही जन जीवन प्रभावित होता है और वैसे ही हमारा स्वास्थ्य प्रभावित होता है। विश्व पृथ्वी दिवस का बहुत महत्व है, यह एक ऐसा दिन है जो हमें अपने आभामंडल से निकल कर पृथ्वी के बारे में सोचने और कुछ करने को विवश करता है। घटती हरियाली, सूखता पानी,पिघलते ग्लेशियर, बढ़ता तापमान इत्यादि विषयों की वास्तविकता से हम अवगत होते हैं। धरती की सुरक्षा के लिए प्रेरित करना और इसे एक कर्त्तव्य समझने का सन्देश हम पूरे विश्व में इस दिवस के माध्यम से देते हैं। इस विश्व पृथ्वी दिवस को आप भी कुछ न कुछ ऐसा करें जिससे पृथ्वी के, उसके संसाधनों के, उसके जीव जंतुओं के संरक्षण के लिए कुछ जागरूकता बढ़े। सही मायनों में हमें यह विश्व पृथ्वी दिवस प्रतिदिन मनाना चाहिए।