दरोगा की कमाई 62 लाख और खर्च ढाई करोड़, एंटी करप्शन की जांच में खुलासा

प्रखर मेरठ/एजेंसी। हस्तिनापुर के पूर्व थानाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार पर मेडिकल थाने में आय से अधिक संपत्ति और भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया गया है। दरोगा धर्मेंद्र ने 9 वर्ष में 62 लाख रुपये कमाए लेकिन खर्चा करीब डेढ़ करोड़ किया। दरोगा ने मेरठ में फ्लैट समेत कई जगह संपत्ति खड़ी कर दी। एंटी करप्शन की जांच में आरोप सही पाए जाने पर एफआईआर दर्ज की गई है।
पूर्व थानाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार ने हस्तिनापुर में तैनाती के समय आलीशान फार्म हाउस बनाया था। यह फार्म हाउस घने जंगल के बीच सभी सुविधाओं से लैस था। धर्मेंद्र के शास्त्रीनगर स्थित फ्लैट में बिजली चोरी भी पकड़ी गई थी। इसमें उसके खिलाफ केस दर्ज हुआ था। इसके बाद धर्मेंद्र के कई अन्य कारनामे उजागर हुए।
इस मामले में चली एंटी करप्शन की जांच में धर्मेंद्र पर सभी आरोप पुष्ट हो गए। धर्मेंद्र के खिलाफ भ्रष्टाचार और आय से अधिक संपत्ति के पुख्ता सुबूत जुटाने के बाद बुधवार को मेडिकल थाने में धर्मेंद्र पर केस दर्ज कराया गया। एफआईआर के मुताबिक एंटी करप्शन में तैनात इंस्पेक्टर अशोक शर्मा ने बताया कि दरोगा धर्मेद्र मूलरूप से आगरा के सिकंदरा थानाक्षेत्र के भोपालकुंज का निवासी है। 2011 में पिता की मृत्यु के बाद आश्रित में धर्मेंद्र को नौकरी मिली थी।लोगों ने बताया कि जहां पर धर्मेंद्र ने फार्म हाउस बनाया है वहां पर खेत काफी नीचा था। सवाल उठता है कि भराव के लिए मिट्टी कहां से आई। क्योंकि सेंक्चुरी क्षेत्र में खनन की भी अनुमति नहीं है। वहीं फार्म हाउस वाली जमीन पर हरे पेड़ भी थे, वह किसकी अनुमति से काटे गए।मुकदमा मेडिकल थाने में दर्ज हो गया है, लेकिन इसकी जांच एंटी करप्शन करेगा। डीआईजी एंटी करप्शन राजीव मल्होत्रा का कहना है कि भ्रष्टाचार व आय से अधिक संपत्ति की जांच एंटी करप्शन ही करता है। मुकदमे के वादी इंस्पेक्टर अशोक शर्मा हैं, लेकिन जांच दूसरे इंस्पेक्टर करेंगे। धर्मेंद्र के खिलाफ पुख्ता सुबूत जुटाने के बाद ही शासन से अनुमति लेने के बाद ही मुकदमा दर्ज कराया गया है।