कमिश्नर की जांच समिति ने वाराणसी सिंचाई विभाग के अधिकारी को पाया दोषी


लोकायुक्त को की शिकायत कमिश्नर जाँच में सही पाई गई

प्रखर वाराणसी। एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर द्वारा उप राजस्व अधिकारी, नलकूप प्रखंड, वाराणसी, सिंचाई विभाग अखिलेश कुमार सिंह के खिलाफ लोकायुक्त के समक्ष दिया गया परिवाद जाँच में सही पाया गया है। बतादे कि अपने परिवाद में नूतन ने तमाम बिन्दुओं पर साक्ष्य सहित आरोप लगाये थे। इस पर उप लोकायुक्त, उत्तर प्रदेश ने कमिश्नर वाराणसी को तीन सदस्यीय समिति से जाँच कराने के आदेश दिया था। जिसपर कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने एडीएम सिटी गुलाब चन्द्र, एसपी ग्रामीण नीरज पाण्डेय व एसपीओ-द्वितीय बृजेश मिश्रा की समिति से जाँच करायी। जाँच समिति ने अपनी जाँच में आरोपी अधिकारी के सींच पर्यवेक्षक पद पर नियुक्ति में अनियमिताएं पायीं, किन्तु कहा कि इसमें अंतिम निर्णय शासन स्तर पर लिया गया है। बतादे कि जाँच समिति ने वित्तीय अनियमितता, फर्जी बिल भुगतान प्राप्त करने, नियमविरुद्ध वित्तीय लाभ प्राप्त करने के आरोपों को सही पाया और इस पर कार्यवाही की संस्तुति की है। साथ ही समिति ने सेवा पुस्तिका में भ्रामक व त्रुटिपूर्ण प्रविष्टियों से अनुचित वित्तीय लाभ पाने के आरोप को भी सही पाया और इसके सापेक्ष वसूली की संस्तुति करते  हुए नियमों को ताक पर रख कर उनका भुगतान करने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही की संस्तुति की गई हैं। इसके अलावा वरुणापुरम सिंचाई कॉलोनी सिगरा वाराणसी की कहानी और भी बड़ी है, यहां पर अगर जांच की जाए तो हर विभाग में करोड़ों का घोटाला खुलकर सामने आएगा। यहां के अधिकारी अपनी मनमानी से घोटाले करते हैं और उसे छुपा लेते हैं। यह कहने में अतिशयोक्ति नहीं होगी कि सिंचाई विभाग घोटाले के लिए ही बना है।