ग़ाज़ीपुर- ईद पर देर रात तक बाजार हो रहे गुलज़ार

प्रखर ब्यूरो गाजीपुर। ईद का त्योहार खुशियों का त्योहार है। इसकी तैयारियां पूरे ज़ोरोशोर से की जाती है। ऐसे में बाजारों में काफी रौनक और खरीदारी करने वालो की भीड़ भी देखने को मिलती है।
रमतों व बरकतों का माह-ए-रमजान बीत रहा है। नमाज तिलावत और इबादत के साथ ही फीतरा व जकात निकालने के साथ ही लोग ईद की खरीदारी के लिए बाजारों का रुख भी कर रहे हैं। शहर में ईद के बाजार सजने लगे हैं। खासकर शहर के टाउनहाल, नख्खास, तुलसियापुल, मछली बाजार, मिश्रबाजार में लगी स्थाई और अस्थाई दुकानों की रौनक बढ़ चुकी है। यहां पर शाम से देर रात तक खरीदारों की भीड़ दिख रही है। इसके अतिरिक्त लालदरवाजा, महुआबाग, गाधीनगर आदि स्थानों पर कपड़े, जूते, इत्र, टोपियां या सेवइयों का जम कर कारोबार हो रहा है। प्रमुख बाजार ईद पर मिठास घोलने को तैयार हो चुके है। तरह-तरह सेवइयों की दुकानें सज चुकी हैं। सेवई की ही एक किस्म लच्छा नाम से जानी जाती है। इसकी भी मांग रोजेदार काफी अधिक कर रहे हैं। मुख्य स्थानों व मुस्लिम बस्तियों में स्थित दुकानों पर कई किस्म की सेवइयां बिक रही है। वैसे तो सेवई 50 से 100 रुपए किलोग्राम बिक रही है। किमामी 120-200, शर्बती 50 से 70, पराठा सेवई 280 प्रति किलो
किलो भी बिक रही है, परंतु खास पराठा सेवई 250 से 300 रुपए प्रति किलो की कीमत पर बिक रही है। वैसे रमजान के शुरू होते ही सेवई की दुकानें सज चुकी हैं और खरीदारी भी प्रारंभ है मगर जैसे-जैसे ईद का त्यौहार नजदीक आ रहा है, इनकी रौनक भी शबाब पर पहुंच रही है। चूंकि ईद पर सेवई का अपना अलग ही महत्व है इसलिए त्योहार जैसे और करीब आएगा इसकी बिक्री भी और तेज हो जाएगी।
रोजेदारों से बात करने पर रोजेदार अहमद जमाल, काजिम, इकबाल अहमद, अहमद हुसैन, अब्दुल समद, मो.कलीम आदि का कहना है कि सेवई की जरूरत रमजान शुरू होते ही हो जाती है। इफ्तार, सेहर में इसका इस्तेमाल होता है। ईद का दिन तो सेवई का ही दिन होता है। जीरो नंबर सेवई से केमामी सेवई बनती है, जिसका स्वाद ही कुछ अलग रहता है। नायाब खान, फैजान अहमद, राहत अली, तुफैल अहमद आदि ने बताया कि ईद के दिन शीर खुरमा भी काफी पसंद किया जाता है। इसके स्वाद का हर किसी को बेसब्री से इंतजार रहता है।