शाओमी (MI) पर शामत ईडी ने साढ़े 5 हजार करोड़ रुपये किए जब्त


प्रखर डेस्क/एजेंसी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मोबाइल बनाने वाली चाइनीज कंपनी शाओमी की भारतीय यूनिट के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया और बैंक में जमा साढ़े 5 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम फेमा कानून के तहत जब्त कर ली। इसके बाद शाओमी ने अपने बयान में कहा कि कंपनी के ऑपरेशन में स्थानीय नियम-कानूनों का सख्ती से पालन किया जाता है। गौरतलब है कि शाओमी टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड भारत में MI ब्रांड के नाम मोबाइल फोन की बिक्री करती है। ईडी का कहना है कि कंपनी ने बैंकों को भ्रामक सूचना देकर 5,551.27 करोड़ रुपये के बराबर विदेशी मुद्रा को रॉयल्टी के नाम पर विदेश स्थित तीन कंपनियों को भेजा है, जो परोक्ष या प्रत्यक्ष तरीके से शाओमी समूह को गया है। ईडी का तर्क है कि शाओमी इंडिया भारत में मैन्यूफैक्चरिंग उत्पादों की बिक्री और वितरण का काम करती है, तो इन कंपनियों को रॉयल्टी देने की बात कहां से आती है। दूसरी तरफ, शाओमी इंडिया ने अपने बयान में कहा है, “हमारे रॉयल्टी भुगतान और बैंक को दिए गए विवरण वैध और सत्य हैं। शाओमी इंडिया ने जो रॉयल्टी भुगतान किया, वह हमारे भारतीय संस्करण उत्पादों में उपयोग की जाने वाली इन-लाइसेंस प्रौद्योगिकी और आईपी के लिए था। इस तरह के रॉयल्टी भुगतान करना कंपनी के लिए एक वैध वाणिज्यिक व्यवस्था है। हालांकि, हम किसी भी गलतफहमी को दूर करने के लिए सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” दरअसल, ईडी ने फरवरी में चीनी कंपनी द्वारा विदेश भेजे गए कथित अवैध धन के सिलसिले में जांच शुरू की थी। वर्ष 2014 में भारत में अपना ऑपरेशन शुरू करने वाली शाओमी ने अगले ही साल से यहां से फंड चीन भेजना शुरू कर दिया था। ईडी ने कहा, “कंपनी ने 5,551.27 करोड़ रुपये के बराबर विदेशी मुद्रा को रॉयल्टी के नाम पर विदेश स्थित तीन कंपनियों को भेजा है। इनमें शाओमी समूह की एक कंपनी भी शामिल है।” एजेंसी के मुताबिक, अन्य दो अमेरिकी कंपनियों को भेजी गई राशि भी शाओमी समूह की कंपनियों के लाभ के लिए थी। रॉयल्टी के नाम पर इतनी बड़ी राशि पैरेंट कंपनी के निर्देश पर ही भेजी गई थी।” ईडी का तर्क है कि शाओमी इंडिया भारत के विनिर्माताओं से पूरी तरह तैयार मोबाइल सेट और अन्य उत्पाद खरीदती है। उसने इन तीन विदेशी कंपनियों में से किसी की सेवा नहीं ली, जिन्हें यह राशि भेजी गई थी। जांच एजेंसी ने रॉयल्टी के नाम पर विदेश फंड भेजने को फेमा कानून की धारा 4 का उल्लंघन बताने के साथ ही शाओमी पर विदेश में धन भेजते समय बैंकों को भ्रामक सूचना देने का आरोप भी लगाया है। जांच एजेंसी ने इस महीने की शुरुआत में शाओमी समूह के ग्लोबल वाइस प्रेसिडेंट मनु कुमार जैन से बेंगलुरु स्थित अपने रीजनल ऑफिस में पूछताछ की थी।