ग़ाज़ीपुर- हवन पूजन के साथ हुआ भागवत कथा का समापन

प्रखर ब्यूरो ग़ाज़ीपुर। भांवरकोल क्षेत्र के कुन्डेसर गांव में पिछले एक सप्ताह से चल रहे भागवत कथा का आज हवन पूजन के साथ समापन हुआ। बैदिक मंत्रोचारण के बीच आचार्य अभिषेक तिवारी ने यज्ञ मंडप में आहूति कार्य सम्पन्न कराया। इस‌ मौके पर आचार्य अभिषेक महाराज ने कहा कि भागवत कथा के श्रवण एवं मनन से जीव को भौतिक, दैहिक तापों से मुक्ति प्राप्त करता है। साथ ही उसे ईश्वर की अनुकम्पा से उसके मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है। भागवत कथा श्रवण कर जीव अपने पूर्वजों से आशीर्वाद पाता है, जिससे उसे पूर्वजों से सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। हवन यज्ञ से वायुमंडल और पर्यावरण में शुद्धता आती है। संक्रामक रोग नष्ट होते हैं। सह बंधुत्व के सद्भावना का विकास होता है। हवन यज्ञ की पहचान अग्नि है। अग्नि शक्ति, ऊर्जा और सदा ऊपर उठने की प्रेरणा देती है। अग्नि में ताप और भाप दोनों छुपा होता है। यज्ञ में जलती हुई अग्नि ईश्वर का रूप होती है। अग्नि का मुख ईश्वर का मुख होता है। अग्नि में हवन करना सही मायने में ब्रह्म भोज के समान है। जीवन भी एक हवन यज्ञ है। जीवन रूपी यज्ञ में परमार्थ की वेदी पर स्वार्थ की आहुति दी जाती है। विश्वामित्र के यज्ञ को पूर्ण करने हेतु राम लखन को आना पड़ा। राम, लखन ज्ञान और वैराग्य के साक्षात प्रतिमूर्ति हैं। जीवन रूपी यज्ञ में भी राम रूपी ज्ञान और वैराग्य रूपी लक्ष्मण का आगमन अति आवश्यक है। जीवन रूपी यज्ञ को सफल बनाना है मनुष्य योनी का परम लक्ष्य है।
इस मौके पर राघवेन्द्र राय, माधवेन्द्र राय, चिन्ता देवी, शुभम राय, टोनू राय, रानू राय, चंद्रशेखर मिश्रा सहित काफी संख्या में ग्रामीण शामिल रहे।