वीर सावरकर की बात अगर कांग्रेस मान ली होती तो देश बंटवारे की त्रासदी नहीं झेलता – सीएम योगी


प्रखर डेस्क। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में वीर सावरकर की जयंती पर ‘वीर सावरकर- जो भारत का विभाजन रोक सकते थे और उनकी राष्ट्रीय सुरक्षा दृष्टि’ पुस्तक का विमोचन करते हुए कांग्रेस पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि आजादी के बाद जो सम्मान वीर सवारकर को मिलना चाहिए था वो नहीं मिला.
इसके साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अगर वीर सवारकर की बात को कांग्रेस ने माना होता तो देश विभाजन की त्रासदी से बच गया होता. साथ ही कहा कि यहां तक उन्हें 1960 तक उनकी पैतृक संपत्ति नहीं मिली. हिंदुत्व शब्द वीर सवारकर ने दिया है. हिंदी व्याकरण के बहुत सारे शब्द वीर सवारकर की देन हैं, लेकिन उस समय की सरकार ने वीर सवारकर की तुलना जिन्ना से करने का प्रयास किया. सीएम योगी ने कहा कि पहले ब्रिटिशर ने और फिर आजादी के बाद जिनके हाथ सत्ता आई उन्होंने सावरकर को मिटाने का हर संभव प्रयास किया. साथ ही कहा कि अटल सरकार में वीर सावरकर की स्मृतिका लगाई थी, उसे कांग्रेस सरकार ने हटाकर वीर सावरकर के इतिहास को मिटाने का काम किया. वीर सावरकर सभी प्रकार के गुणों से ओत प्रोत थे. एक ही जन्म में दो-दो अजीवन कारवास की सजा. जेल में बिना कागज कलम नाखूनों और बर्तनों से दीवारों पर कलाकृतियां लिखीं. वहीं, योगी ने कहा कि आजादी के बाद वीर सावरकर को सम्मान मिलना चाहिए वह नहीं मिला था. जबकि उनकी पैतृक संपत्ति आजादी के बाद भी वापस नहीं ली. जब उनसे कहा गया कि आजादी की लड़ाई लड़ी, लेकिन आपकी संपत्ति नहीं मिली तो वे बोले कि देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी अपनी संपत्ति के लिए नहीं. वीर सावरकर ने कहा कि जिन्ना (Jinnah) की दृष्टि संकीर्ण संकुचित राष्ट्र तोड़क है. मेरी दृष्टि संपूर्ण भारत की है. सीएम योगी ने इसके साथ कहा कि उस कालखंड में भी वीर सावरकर ने भारत की चिंता की और अपने मिशन के लिए लगातार काम किया. इस दौरान सीएम योगी ने वीर सावरकार की बात का जिक्र करते हुए कहा, ‘ वे कहते थे कि पाकिस्तान आएंगे-जाएंगे, लेकिन हिंदुस्तान हमेशा रहेगा.’ मुख्‍यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सावरकर का पहला आगमन गोरखपुर में गोरक्षपीठ में हुआ था।