प्रखर ब्यूरो गाजीपुर। हिंदी हितैषी परिषद के तत्वावधान में करीब 40 कवियों, नवगीतकारों व बुद्धिजीवियों ने वरिष्ठ साहित्यकार ओमधीरज का सम्मान उनके निवास स्थान अभिज्ञान शांकुतल में किया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए डा. आनंद सिंह ने कहा कि प्रशासनिक पदों पर कार्य करने के बावजूद हिंदी साहित्य से इतना जुड़ाव ओमधीरज जी के बिलक्षण प्रतिभा को दर्शाता है। ओमधीरज जी गंभीर बिमारी से जूझ रहे हैं। ऐसे में हम सभी का दायित्व है कि उनके मनोबल को बढ़ाने के लिए उनका सम्मान करें। डा. आनंद सिह ने ओमधीरज को शॉल ओढा़कर उनके दीर्घायु होने की कामना की और कहा कि यह बड़ी गर्व का विषय है कि ओमधीरज जी मुलत: गाजीपुर के निवासी हैं और अब सारनाथ में रहते हैं। ओमधीरज ने अपने लेखनी से बेघर हुए अलाव, सावन सुखे पांव बांधे नाव की छांव, रेत में बहता जल, पूर्वांचल के माटी, गोमती के स्वर आदि रचनाओं का रचा है।
इस अवसर पर प्रो. हरिकेश सिंह, हिमांशु उपाध्याय, बाबू राम त्रिपाठी, जितेंद्रनाथ मिश्र, प्रो. विनोद मिश्र, प्रो. श्रद्धानंद, डा. वशिष्ठ अनूप, कविंद्र नारायण, केएस परिहार आदि गणमान्य लोग उपस्थित रहे।