ग़ाज़ीपुर- महारुद् के साधक थे कुबेर नाथ राय- प्रो. वी.के. राय

प्रखर ब्यूरो ग़ाज़ीपुर। सुप्रसिद्ध लेखक-निबंधकार कुबेर नाथ राय की पुण्य-तिथि पर कल देर सायं रविवार को स्वामी सहजानन्द पीजी कालेज में एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन हुआ। श्रद्धांजलि-सभा मे महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. वी.के. राय ने स्व. कुबेर नाथ राय के व्यक्तित्व तथा कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए उन्हें 20वीं सदी के हिंदी साहित्य संसार का देदीप्यमान नक्षत्र कहा। उन्हें महारुद्र का साधक बताते हुए स्वामी सहजानन्द महाविद्यालय के प्राचार्य के रूप में उनकी कार्यशैली तथा मृदु स्वभाव की चर्चा करते हुए प्राचार्य प्रो. राय ने यह मत व्यक्त किया कि ललित निबंधकार के रुप मे स्व.राय की प्रतिभा तथा साहित्यिक परिलब्धियों की बराबरी करनेवाला समकालीन साहित्य धारा में कोई अन्य नहीं दिखता। इस अवसर पर समाजशास्त्र विषय के अध्यक्ष प्रो. अवधेश नारायण राय ने श्रध्दांजलि व्यक्त करते हुए कहा कि कुबेर नाथ राय राष्ट्रभाषा के विलक्षण साधक थे। उनकी रचना संसार विशेष शोध तथा गवेषणा का विषय है। इस दौरान अंग्रेजी विषय के अध्यक्ष प्रो. अजय राय ने श्रध्दांजलि वक्तव्य करते हुये कहा कि स्व. राय की रचनाओं में भारतीय संस्कृति के मूल तत्व अपनी पूर्ण मीमांसा तथा मर्यादा के साथ विद्यमान हैं। उनके प्रमुख निबंध संग्रह- गंध मादन, प्रिया नीलकंठी, रस आखेटक तथा पत्र-लेखन शैली में लिखे गए निबंध संग्रह- मणिपुतुल के नाम – को उधृत करते हुए प्रो. अजय राय ने कहा कि संग्रह का प्रथम पत्रलेख – पांत का आखिरी आदमी- गांधीवादी चिंतन दर्शन तथा कलात्मकता का समानुपातिक अमलगम है। कार्यक्रम में उत्तरपूर्व विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के प्रो. हितेंद्र मिश्र ने अपने श्रध्दांजलि संदेश में कहा कि निबंध की विधा में एक मेधा संपन्न निबंध लेखकों की अलग परंपरा रही है। इस परंपरा में आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी और डाॅ. विद्यानिवास मिश्र के बाद कुबेर नाथ राय का ही नाम लिया जाता है। इनके निबंधों में गंभीर चिंतन की जो मजबूत भाषाई प्रस्तुति हुई है, उसे समझना भी गंभीर पाठकीयता की मांग करता है।
श्रध्दांजलि कार्यक्रम में डॉ. विलोक सिंह, रामधारी राम, कृष्णनानंद चतुर्वेदी, डॉ. वी.के. ओझा, नित्यानंद राय, डॉ. सतीश राय, सुरेश प्रजापति, संजय राय, प्रवीण राय, शशांक राय, प्रशांत राय, सत्येंद्र राय, शरद कुमार राय, समीर राय, पंकज राय, अमित राय, आलोक शर्मा, मुन्ना, जयप्रकाश, अजय कुमार यादव, विपिन सिंह यादव, विजेंद्र कुमार यादव आदि शिक्षक-कर्मचारी गण तथा छात्र उपस्थित थे।