ग़ाज़ीपुर- स्व. डी.एन. सिंह के नेतृत्व में डेढ़ दशक तक कर्मचारियों का उत्पीड़न नहीं हुआ- शिवकुमार सिंह

– सातवीं पुण्यतिथि पर कर्मचारी नेता को दी गई श्रद्धांजलि

प्रखर ब्यूरो गाजीपुर। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रदेश संगठन मंत्री और जिलाध्यक्ष रहे कर्मचारी नेता स्वर्गीय डीएन सिंह की सातवीं पुण्यतिथि सोमवार को फुल्लनपुर स्थित उनके आवास पर कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए श्रमिक उत्थान समिति के तत्वधान में मनाई गई। इस दौरान वक्ताओं ने डीएन सिंह के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें भावपूर्वक याद किया। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के संरक्षक अरविंद नाथ राय ने कहा कि कर्मचारी हितों की खातिर हमेशा लड़ाई लड़ने वाले ऐसे कर्मचारी नेता आदर्श प्रतिमान स्थापित करते हैं। डीएन सिंह कर्मचारी हितों को ही सर्वोपरि मानते थे। डीएन सिंह कर्मचारियों व असहायों के मसीहा थे। वे भले ही आज इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन हमारे दिलों में आज भी ज़िंदा हैं। स्वभाव से गंभीर लेकिन आधुनिक सोच और निर्णय लेने की अद्भुत क्षमता वाले डीएन सिंह को कर्मचारियों का उत्पीड़न करने वाले अधिकारी यमदूत मानते थे। वे किसी भी आंदोलन में बार-बार कहते थे कि एकता और अखंडता को बनाए रखने के साथ ही उनका अन्य बड़ा मकसद अपने अधिकारों को सुरक्षित रखना था। इन्हीं अधिकारों के लिए वह अपनी जान की बाजी लगाकर कई बार आमरण अनशन तक किया। राज्य कर्मचारियों के लिए वे हमेशा प्रेरणा के स्रोत रहेंगे। वे अमर है। समिति के अध्यक्ष और वरिष्ठ शिक्षक नेता चौधरी दिनेश चन्द्र राय ने उनके व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला और कहा कि स्व. डीएन सिंह जैसा कर्मचारी नेता नही मिलेगा। वह अपने व्यक्तित्व के बल पर कर्मचारियों को बिना लड़ाई के अनगिनत उपलब्धियां दिलाई हैं। जब भी कर्मचारियों के हितों पर कुठाराघात हुआ, डीएन सिंह ने घर परिवार को त्याग कर आंदोलन की राह पकड़ ली थी। कर्मचारियों के हित के लिए न दिन की परवाह करते थे और ना ही रात की। उनकी यही खासियत उन्हें एक श्रमिक नेता की छवि प्रदान की और इसी वजह से वे जिले के अधिकारियों के दिलो-दिमाग पर छा गए। माध्यमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष शिवकुमार सिंह ने कहा कि डीएन सिंह के नेतृत्व में डेढ़ दशक तक कर्मचारियों का उत्पीड़न नहीं हुआ। उनके कार्यों व पदचिन्हों पर चलने से ही कर्मचारी तथा समाज का भला हो सकेगा। माध्यमिक शिक्षक संघ के पूर्व जिलाध्यक्ष नारायण उपाध्याय ने कहा कि हर कर्मचारी को डीएन सिंह के प्रेरक कार्यो से सबक लेते हुए अपने हितों के लिए संघर्ष करते रहना चाहिए। इसके लिए एकजुटता का होना भी आवश्यक है। परिषद मण्डल अध्यक्ष डीएस राय ने उन्हें संगठन का भीष्म पितामह बताते हुए कहा कि नलकूप विभाग से जुड़े हजारों कर्मचारियों को राज्य कर्मचारियों के समान वेतन भत्ते दिलाने में डीएन सिंह ने जो सशक्त आंदोलन किया था वह आज भी कर्मचारी संगठनों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। ऐसे में कर्मचारियों का संगठित होना ही उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी। बड़े भाई में सदैव धर्म और कर्म, प्रेम की झलक दिखाई देती थी। जो भी साथी इनके मार्ग पर चलते थे। उनका यही संदेश था कि मै छोड़े और जी धारण करे। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जिलाध्यक्ष दुर्गेश श्रीवास्तव ने कहा कि कर्मचारी एकता को बनाए रखना सभी का कर्तव्य है। इस बूते हर लड़ाई जीती जा सकती है। हम सभी को डीएन सिंह के बताए रास्ते पर चलते हुए संगठन की मजबूती बनाए रखना होगा।
इस मौके रत्नेश राय, रियाज अहमद, ओमनारायण राय, श्रीनिवास चौबे, सूर्य प्रकाश राय, बालेन्द्र त्रिपाठी, आलोक कुमार राय, अभय सिंह, रविन्द्र नाथ तिवारी, राजीव कुमार सिंह, राकेश कुमार पाण्डेय, अन्तु गुप्ता, गायत्री सिंह, राजवीर सिंह, रिया सिंह, रमाकांत राम, रंजय चौबे आदि मौजूद रहे।