ग़ाज़ीपुर- व्यक्ति पूजनीय नहीं होता, उसके गुण, उसके अच्छे कार्य, उसका चरित्र, उसकी दया, उसका मनोबल पूजनीय होता है- दण्डी स्वामी अनंतानंद

– जो नारी अपने पति की आज्ञा की अवहेलना करती है, उसका संसार में उपहास और अपमान होता है

प्रखर ब्यूरो गाजीपुर। जनपद के भांवरकोल ब्लाक क्षेत्र के किनवार कीर्ति स्तम्भ सहरमाडीह परिसर में आयोजित सात दिवसीय महामृत्युंजय यज्ञ के तीसरे दिन पूज्य दंडी स्वामी अनंतानंद जी महाराज द्वारा कथा वाचन के दौरान क्षेत्र के कथा प्रेमी श्रद्धालुगण उपस्थित हुए।
सात दिवसीय महामृत्युंजय यज्ञ के तीसरे दिन कथा के दौरान अनंतानंद जी महाराज ने कहा कि भगवान शिव कल्याणकारी हैं। भगवान की भक्ति करने और शिव का जाप करने से जीवन में उन्नति होती है। शिव ही सृष्टि के रचयिता हैं। वे सभी को समभाव से देखते हैं। इस कथा का संदेश है कि जो नारी अपने पति की आज्ञा की अवहेलना करती है, उसका संसार में उपहास और अपमान होता है। अपमानित होकर मृत्यु का कष्ट भी वरण करना पड़ता है। व्यक्ति पूजनीय नहीं होता, उसके गुण, उसके अच्छे कार्य, उसका चरित्र, उसकी दया, उसका मनोबल पूजनीय होता है। देश के प्रति, समाज के प्रति, धर्म के प्रति उसका क्या योगदान है या नहीं। अपनी चिंता तो जानवर भी कर लेते है, यहीं काम हमारे जीवन चक्र में हम कर रहे हैं, तो फिर हमारे और जानवर में क्या फर्क रह जाता है। उन्होंने कहा कि खुद भी सम्मान से जीएंगे और औरों को भी सम्मान से जीना सिखाएंगे। वही मध्यप्रदेश से पधारे पूज्य नरेंद्र भार्गव जी ने भागवत कथा सुनाते हुए कहा कि ईश्वर को जानने के लिए ईश्वर में लीन होना बहुत जरूरी है। जो इंसान लोभ, माया, लालच, अहं को छोड़कर ईश्वर ध्यान में लीन हो जाता है वहीं सही मायने में भगवान को जान सकता है। ईश्वर आराधना ही भगवान तक पहुंचने की सीढ़ी है, जो आपके लिए स्वर्ग के द्वार खोल देती है। इस दौरान कथा के बाद देर रात्रि तक वृन्दावन से आए रासलीला कमेटी ने भक्त मीराबाई व कन्हैया के प्रति प्रेम का मंचन देख दर्शको को भाव भिभोर कर दिया। इसके पूर्व यज्ञ परिसर में चल रहे आजादी के अमृत महोत्सव में शिक्षा से जुड़े प्रतिभाओ को सम्मानित किया गया।
इस मौके पर अक्षयानंद महाराज, वीरेंद्र राय, प्रमोद राय, हर्ष राय, संजीव कुमार त्यागी, झिगुरी राय, कमलेश राय, नागा दुबे, मिंकू राय, राजकुमार सिंह, कल्पनाथ यादव आदि लोग मौजूद रहे।