बोरवेल में गिरने से 13 वर्षीय बच्चे की मौत, पिंडरा पीएचसी के डॉक्टरों पर लापरवाही का लगा आरोप

ग्रामीणों ने की नारेबाजी और कार्रवाई की मांग

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की लापरवाही आई सामने

ग्रामीणों ने पीएचसी पर काटा बवाल

प्रखर पिंडरा वाराणसी। फूलपुर थाना क्षेत्र के बिन्दा गांव में जलनिगम विभाग की बड़ी लापरवाही से पेयजल नलकूप के लिए खोदी गई बोरवेल में गिरने से एक 13 वर्षीय बच्चे की जान चली गई। बच्चे की मौत होने से आक्रोशित ग्रामीणों ने जलनिगम के अधिकारियों व ठीकेदार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करने के साथ कार्रवाई की मांग की। जिसपर पुलिस ने किसी तरह समझा बुझाकर शव को कब्जे में ले पाई। बताते हैं कि पिंडरा विकास खण्ड के बिन्दा गांव में हर घर नल योजना के तहत जलनिगम विभाग द्वारा नलकूप लगाने के लिए बोरिंग की जा रही थी। एक बार हफ्ते भर पहले बोरिंग की गई थी तो वहाँ पानी न मिलने पर उसी तरह उसे छोड़ दिया था तो ग्रामीणों ने उसे किसी तरह पाट दिया था। उसी से कुछ दूरी पर दूसरी बोरिंग की गई लेकिन वहाँ भी पानी पर्याप्त नहीं मिला। जिसपर ठीकेदार बिना उसे पाटे चला गया था।बुधवार को सायँ 5 बजे राधेश्याम यादव का 13 वर्षीय पुत्र अनिकेत यादव अपने गांव के बच्चो के साथ खेलते हुए उस बोरवेल के पास पहुच गया और अचानक पैर फिसलने पर 200 फिट गहरे गड्ढे में चला। साथ मे आये बच्चे चिल्लाते हुए गांव में गए और परिजन के अलावा ग्रामीणों को बताई। मौके पर पहुचे ग्रामीणों को अंदर जाने का कोई रास्ता नही सूझ रहा था। उसी बीच चचेरा भाई धर्मेंद्र यादव ग्रामीणों के सहयोग से रस्सी व हुक के सहारे सायँ 6 बजे किसी तरह बच्चे को बोरवेल से बाहर निकाला और सरकारी अस्पताल में ले गए जहाँ चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया। बच्चे के मौत की सूचना मिलते ही कोहराम मच गया और ग्रामीण आक्रोशित हो गए और जलनिगम के अधिकारियों व ठीकेदार के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर पुलिस को ही घेर लिया। थाना प्रभारी जगदीश कुशवाहा ने किसी तरह ग्रामीणों को कार्रवाई का आश्वासन देकर शांत कराया और शव को कब्जे में लिया। मृत बालक के माँ उषा देवी की तहरीर पर जलनिगम के अधिकारियों व ठीकेदार के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आश्वासन दिया।वही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर ग्रामीणों के हंगामा करने के 20 मिनट बाद चिकित्सक के आने पर आक्रोश जताया। चिकित्सकों द्वारा पुलिस को मेमो न भेजने के कारण भारी पुलिस को शव लेने में बिरोध को झेलना पड़ा। मृतक तीन बहनों व तीन भाइयों में चौथे नंबर पर था। पुलिस ने तहरीर के आधार पर 304 ए के तहत ठीकेदार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया।

चिकित्सक की लापरवाही पर भी जमकर बरसे परिजन

अस्पताल में किसी चिकित्सक के न मिलने पर किया हंगामा

एक तरफ सरकार रात्रि में सरकारी अस्पतालों में ओपीडी चलाने का दावा कर रही हैं तो दूसरी तरफ पिंडरा पीएचसी सरकार के इस आदेश को ठेंगा दिखाती नजर आ रही है। यह पोल उस समय खुल गई जब बोरवेल में गिरे बच्चे को लेकर परिजन पीएचसी पिंडरा पहुचे और काफी हो हल्ला और हंगामा शुरू के आधे घंटे बाद चिकित्सक सामने आए और बच्चे को देखने के बाद मृत घोषित कर दिया। जिसको लेकर परिजनों ने चिकित्सक को खूब खरी खोटी सुनाई। यही नही चिकित्सक ने नियम का भी नही पालन किया। न तो बच्चे की एंट्री की ना ही पुलिस को मेमो तक नही भेजा। जिससे पुलिस को समय से जानकारी नही हो पाई। जिसके कारण पुलिस को शव को लेने के लिए काफी मशक्कत व जलालत झेलनी पड़ी। मृत बच्चे के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव ने बताया कि 30 मिनट बाद एक चिकित्सक आये और देखने के बाद कहा मर गया है ले जाओ। कोई लिख कर कागज भी नही दिया। ग्रामीणों ने बताया कि दोपहर के बाद अस्पताल पर कोई चिकित्सक नही मिलता। यही नही खुद सीएमओ भी दो बार पकड़ चुके है। लेकिन स्थिति सुधरने का नाम नही ले रही है। इस बाबत प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ संतोष सिंह ने आरोप को बेबुनियाद बताया।