ग़ाज़ीपुर- कृषि विज्ञान केंद्र आंकुशपुर में किसानों को चार दिवसीय रोजगार परक प्रशिक्षण

प्रखर ब्यूरो गाजीपुर। आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कुमारगंज अयोध्या द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केंद्र, आंकुशपुर, गाज़ीपुर में विभिन्न यंत्रो द्वारा धान की बुवाई / रोपाई पर चार दिवसीय (दिनांक ४ से ७ जुलाई २०२२ ) रोजगार परक प्रशिक्षण का आयोजन रेवतीपुर विकास खंड के ग्राम गौरा में किया गया। इस अवसर पर केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रभारी डॉ. जे. पी. सिंह ने कहा कि प्रशिक्षण का मुख्य उद्येश्य किसानो की कार्य क्षमता में वृद्धि के साथ ही साथ मजदूरो के ऊपर निर्भरता कम करना एवम समय और लागत में कमी के साथ ही धान की वैज्ञानिक तरीके से खेती करना| डॉ. सिंह ने धान के उत्पादन को प्रभावित करने वाले कारको रोग, कीट एवं पोषक तत्वों की कमी को पहचानने एवं उनके निदान की जानकारी देते हुए कहा की बुवाई से पूर्व यदि बीज उपचार किया जाता है तो २०-३० प्रतिशत तक धान की ऊपज को बढ़ाया जा सकता है। उक्त अवसर पर केंद्र के वैज्ञानिक एवं प्रशिक्षण संयोजक डॉ शशांक शेखर ने धान के खेत की तैयारी से ले कर कटाई एवं मड़ाई में प्रयुक्त होने वाले कृषि यंत्रो जैसे धान रोपाई मशीन,सीधी बुवाई हेतु सुपर सीडर, सीड ड्रिल, कोनो वीडर इत्यादि मशीनो के प्रयोग एवं रख रखाव पर विस्तार से चर्चा किया | डॉ शेखर ने धान में सिचाई की विभिन्न अवस्थाओं के बारे में जानकारी दी जिसमे कल्ले बनते समय एवं पुष्पन अवस्था के समय सिचाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए | वैज्ञानिक डॉ नरेंद्र प्रताप ने कृषको को नर्सरी लगाने की विभिन्न विधियों के साथ ही धान की विभिन्न प्रजातियों एवं बीज उत्पादन की तकनीकी जानकारी प्रदान किये | वैज्ञानिक डॉ शशांक सिंह ने धान की सीधी बुवाई एवं स्री (एस. आर. आई.) पद्धति के बारे में किसानो को जागरूक करते हुए बताया कि इस पद्धति द्वारा किसान कम लागत में अपनी आय में वृद्धि कर सकते है। डॉ. ए. के. राय, मृदा वैज्ञानिक ने उर्वरको के प्रयोग से पूर्व किसान अपने खेत की मिट्टी की जांच कराने के बाद संस्तुति के आधार पर ही उर्वरको/खादों का प्रयोग करें, ताकि खेत की मिट्टी की संरचना एवं संघटन बनी रहे। जिससे टिकाऊ खेती लम्बे समय तक करके गुणवत्ता युक्त फसल उत्पादन कर सके। केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ अमरेश कुमार सिंह ने जैविक खेती के घटक जैसे वर्मी कम्पोस्ट, नैडप कम्पोस्ट तैयार करने एवं प्रयोग की विधि पर जानकारी प्रदान किया साथ ही धान के फसल अवशेष प्रबंधन के बारे में बताया। इस प्रशिक्षण में प्रगतिशील कृषक श्री विनय राय, गणेश सिंह, कृष्णा नन्द, श्रीमती कलावती देवी आदि सहित कुल ३० कृषकों ने प्रतिभाग किया |