लड़की की मोहब्बत में बदनाम हो गया बाघ

प्रखर डेस्क। प्रेमी-प्रेमिका के चक्कर में घर वाले और नाते-रिश्तेदारों को बदनाम होते तो सुना होगा, लेकिन यहां इंसानों की मोहब्बत के चक्कर में बेचारा बेजुवान जानवर बदनाम हो गया। दरअसल बाघ के उठा ले जाने की आड़ में प्रेमी ने एक किशोरी का अपहरण कर लिया। हमले को दर्शाने के लिए हाथ से बाघ के पंजे के निशान ही नहीं बनाए गए, बल्कि किशोरी के कपड़ों को फाड़कर कई जगह फेंके गए थे। लड़की के घर वालों को लगा कि उसे जंगल से आया बाघ उठा ले गया है। फिर क्या था आनन-फानन में उसकी खोजबीन शुरू हो गई। डीएफओ की जांच में वन्यजीवों के निशान न होने के बाद पुलिस महकमा हरकत में आया तो मामले का खुलासा हुआ। गलती किसी की थी, लेकिन इल्जाम किसी और पर डाल दिया गया। मामला यूपी के बहराइच जिले का है। सुजौली थाना क्षेत्र के एक गांव की 18 वर्षीय किशोरी शनिवार रात को नौ बजे घर के बाहर हैंडपंप पर पानी पी रही थी, तभी वह लापता हो गई। परिवार के लोगों ने शोर मचाकर बाघ के किशोरी को उठा ले जाने की बात ग्रामीणों से बताई। मामले को लेकर ग्रामीण भी अक्रोशित हो गए थे। मौके पर वन विभाग की इक्सपर्ट टीम ने जांच किया, लेकिन खेत में मिले निशान वन्यजीवों के पंजे के नहीं मिले। बावजूद ग्रामीण अड़े रहे तो हथिनी जयमाला व चंपाकली को लाया गया। रविवार को दिन सर्च ऑपरेशन चलता रहा, लेकिन बाघ के हमले के तथ्य सामने नहीं आए। डीएफओ की रिपोर्ट के बाद पुलिस हरकत में आई।पुलिस अधीक्षक केशव कुमार चौधरी ने सुजौली पुलिस को घटना का खुलासा किए जाने का निर्देश दिया। थानाध्यक्ष राजेश कुमार सिंह ने उप निरीक्षक शैलेंद्र कुमार यादव, सत्येंद्र कुमार, मोहम्मद अबरार, राजेश कुमार और महिला कांस्टेबल की टीम ने तलाश की। थानाध्यक्ष ने बताया कि उसके अपहरण का मुकदमा पिता की तहरीर पर दर्ज कर छापेमारी की। कोतवाली नानपारा ताजपुर गांव निवासी एक सतीश के यहां से उसे बरामद किया गया। सतीश के साथ सुजौली थाना क्षेत्र के ही निवासी रिंकू मौर्य और पिंटू मौर्य को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। किशोरी के गायब होने पर वन विभाग, वन एसटीपीएफ के साथ सुजौली, मोतीपुर और मूर्तिहा थाने की पुलिस लगी थी। इसके अलावा ड्रोन से भी निगरानी की गई थी, लेकिन सफलता रविवार रात को मिली।बेजुबान वन्यजीव पर हमले का आरोप लगाने वाले लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। पुलिस के खुलासे के बाद वन महकमा बार-बार ग्रामीणों को विरोध के लिए उकसाने में लगे लोगों को चिंहित किया है। इन लोगों पर भी बड़ी कार्रवाई की तैयारी हो रही है। वजह उकसाने की हर कोशिश को वन व पुलिस महकमें ने सूझबूझ से टाला।कतर्नियाघाट के डीएफओ आकशदीप बधावन ने बताया, घटना स्थल से जुटाए गए साक्ष्य किसी भी वन्यजीव के हमले के नहीं मिले थे। वहां हाथ से पंजे बनाए गए थे। दूसरा रंग देने की पूरी सुनियोजित कोशिश की गई थी। ऐसे लोगों पर कार्रवाई होगी।