निकाह के बाद दुल्हन को छोड़कर दूल्हा भागा

प्रखर एजेंसी। निकाह की रस्म पूरी होने के बाद दूल्हा और बराती भोजन करके धीरे-धीरे खिसक लिए। दुल्हन को बिना लिए ही दूल्हा और बराती वापस आ गए। बताया जा रहा है कि दूल्हा लघुशंका जाने के बहाने ससुराल से भाग गया। मामला पंचायत तक जा पहुंचा। तीन दिनों तक मामला दुल्हन को लाने के लिए चलता रहा। लेकिन दुल्हन के पिता ने पूरी जिम्मेदारी संभ्रांत लोगों पर छोड़ रखी थी।शाहबाद क्षेत्र के एक गांव निवासी दूल्हा की बरात जनपद बदायूं के इस्लामनगर 25 जुलाई की रात को गई थी। रस्मों-रिवाजों के साथ सभी काम हुए। रात में बैंड बाजे के साथ दूल्हा की बरात चढ़ाई गई। उसके बाद दूल्हा और बारातियों ने भोजन किया। देर रात को दूल्हा का निकाह पढ़ाया गया। ज्ञात रहे कि बरातियों ने भोजन करने के बाद और देर रात होने के कारण सभी बराती वापस आ गए थे। दूल्हा और दूल्हा का परिवार रहा गया था। आरोप है कि दूल्हा और उसका पिता लघुशंका के बहाने बाहर आ गए। बाहर आकर देर रात लगभग तीन बजे दुल्हन को साथ लिए बिना ही खिसक लिए। काफी देर तक जब दूल्हा और उसके परिजन नजर नहीं आए तो दुल्हन पक्ष के लोगों को चिंता होने लगी। दुल्हन पक्ष के लोगों ने जब दूल्हा पक्ष के लोगों को फोन किया, तो पता लगा कि दूल्हा पक्ष के लोग दुल्हन को बिना लिए ही निकल गए। इसके बाद दुल्हन के यहां पर चल रहे खुशी का माहौल मातम में तब्दील हो गया। बताया गया कि दहेज में बाइक न होने के कारण दुल्हन को बिना लिए ही दूल्हा आ गया था। जबकि, दूल्हा पक्ष के लोगों ने बताया कि उनके पास कोई जेवरात और रुपए नहीं थे। इसलिए वे वहां से निकले थे। जानकारी करने पर बताया गया कि बारात में जाने के लिए तीन सौ बराती तय किए थे। लेकिन, बरात में मात्र साठ ही बराती पहुंचे थे। इस घटना के बाद से दुल्हन और उसके परिवार वालों का रो-रो कर बुरा हाल था। दुल्हन छोड़ने का मामला पंचायत तक जा पहुंचा। बृहस्पतिवार को मामले को सुलझाने के लिए वहां के संभ्रांत लोग और दूल्हा पक्ष की ओर के संभ्रांत लोग दुल्हन के यहां पहुंचे। पहले तो पंचायत के लोग दुल्हन भेजने के लिए मना कर रहे थे। लेकिनदूल्हा पक्ष के संभ्रांत लोग जिद पर अड़ गए। बृहस्पतिवार देर रात तक समझौता चल रहा था। इस घटना के बाद से दूल्हा और दुल्हन का प्रकरण शाहबाद और इस्लामनगर क्षेत्र में चर्चा का विषय है।