योगी सरकार का बड़ा ऐलान, आपात स्थिति में 48 घंटे तक मुफ्त होगी चिकित्सा

प्रखर एजेंसी। प्रदेश की योगी सरकार सभी को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के मकसद से अब इमरजेंसी में भर्ती होने वाले मरीजों को पहले 48 घंटे तक मुफ्त में उपचार कराएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर जनहानि को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग सुविधाओं में आमूलचूल परिवर्तन की तैयारी कर रहा है। इस पर करीब 3000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। सरकार की ओर से इस सेवा पर खर्च किए जा रहे 3000 करोड़ रुपये में से पांच वर्षों में सबसे अधिक आधारभूत सुविधाएं विकसित करने के लिए 1614 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके अलावा ट्रॉमा और नान ट्रॉमा मेडिसिन रोगियों के निशुल्क उपचार में हर साल औसतन 550 करोड़ रुपये खर्च आएगा। ऐसे ही एंबुलेंस सेवाओं पर करीब 300 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे और एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम वाली 750 एंबुलेंस खरीदी जाएंगी। बतादे कि एंबुलेंस संचालन, प्रशिक्षित स्टाफ के वेतन और प्रशिक्षण पर भी करीब 165 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके अलावा कॉल सेंटर, कमांड सेंटर, साफ्टवेयर के संचालन ओर मेंटेनेंस आदि में सालाना खर्च 125 करोड़ रुपए खर्च होगा। चिकित्सा शिक्षा के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने बताया कि लाइव इमरजेंसी मानीटरिंग सिस्टम प्रदेश में लागू करने के लिए योजना बनाकर चरणबद्ध ढंग से कार्य किया जा रहा है। किसी भी इमरजेंसी रोगी के जीवन के लिए शुरुआत के 48 घंटे काफी अहम होते हैं। इसलिए सीएम योगी के संकल्पों को धरातल पर उतारा जा रहा है और प्रथम 48 घंटे तक रोगियों को निशुल्क उपचार उपलब्ध कराने का प्रस्ताव है। इससे ऐसे रोगी जो अकेले होते हैं या उनके साथ तीमारदार भी होते हैं, लेकिन तत्काल पर्याप्त धनराशि की व्यवस्था नहीं हो पाती है, उनके साथ-साथ आम जनमानस भी लाभान्वित होगा।सीएम योगी ने पिछले पांच वर्षों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए बुनियादी ढांचे से लेकर संसाधनों में भी वृद्धि की है। एक जिला, एक मेडिकल कॉलेज सहित कई योजनाओं को भी अमलीजामा पहनाया जा रहा है। इसी के साथ अब देश में पहली बार लाइव इमरजेंसी मानीटरिंग सिस्टम लागू होने वाला है। कोविड कमांड सेंटर की तर्ज पर इंटीग्रेटेड ट्रामा और इमरजेंसी मेडिसिन सेंटर की स्थापना की जाएगी। इस सेवा के तहत एक कॉल पर इमरजेंसी में एंबुलेंस पहुंचेगी और अस्पताल में तुरंत इलाज शुरू होगा।