सीएम योगी से प्रोफेसर रामगोपाल की मुलाकात के बाद प्रदेश का सियासी पारा चढ़ा अपर्णा ने भी साधा निशाना

प्रखर एजेंसी। सीएम योगी आदित्‍यनाथ से सपा के राष्‍ट्रीय महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव की मुलाकात ने पिछले दो दिन से यूपी का सियासी पारा चढ़ा दिया है। इसे लेकर सुभासपा चीफ ओमप्रकाश राजभर और प्रसपा मुखिया शिवपाल सिंह यादव लगातार अखिलेश यादव पर हमले बोल रहे हैं तो वहीं अब मुलायम सिंह यादव की बहू अर्पणा यादव ने भी अपने ससुर रामगोपाल यादव (मुलायम सिंह यादव के चचेरे भाई) पर निशाना साधते हुए कहा है कि यूपी में कानून का राज है और न्याय व्यवस्था सभी के लिए बराबर है। उधर, इस मुलाकात के बाद अखिलेश के करीबी उदयवीर सिंह द्वारा आजम खां पर दिए गए बयान पर उनके बेटे अब्दुला आज़म आगबबूला हो गए हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि बात पिता आजम खां तक न जाए वर्ना दूर तलक जाएगी। वही अपर्णा ने बुधवार को कहा कि प्रदेश में अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के कारण ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बुलडोजर बाबा के नाम से जाना जाने लगा है। उनके बुलडोजर मॉडल की तारीफ देश-दुनिया में हो रही है। मुख्यमंत्री से कोई भी मुलाकात कर सकता है। वह प्रदेश के मुखिया हैं। रामगोपाल यादव के पत्र का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें केवल दो लोगों का नाम शामिल किया गया। सपा की ओर से जिस प्रकार से सरकार पर अल्पसंख्यकों के खिलाफ कार्रवाई का आरोप लगाया जा रहा था, उनके मौलिक अधिकारों के हनन बात हो रही है। यह सरासर गलत है। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में एक अलग माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है। उसका सच अब सामने आ गया है। वहीं, मंगलवार को उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने भी इस पर तंज कसते हुए कहा था कि समाजवादी पार्टी हमेशा अपराधियों की पैरवी करती रही है। सरकार किसी भी अपराधी, बदमाश के खिलाफ नरमी नहीं बरतने वाली है। जो अपराध करेगा उसके खिलाफ सरकार कार्रवाई करेगी। सपा नेता रामगोपाल यादव की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के चलते समाजवादी पार्टी में भी जमकर रार हो गई है। दरअसल, सपा मुखिया अखिलेश यादव के करीबी उदयवीर सिंह ने शिवपाल यादव द्वारा रामगोपाल यादव की मुख्यमंत्री से मुलाकात में मुस्लिमों का मुद्दा न उठाए जाने के मसले पर बुधवार को आजम खां पर तंज किया था। उन्होंने कहा कि आजम खां के लिए सपा ने लड़ाई लड़ी। दरअसल, यह बयान शिवपाल के उस ट्वीट के जवाब में था, जिसमें शिवपाल ने रामगोपाल पर निशाना साधते हुए कहा था कि मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान मुस्लिम नेताओं का मुद्दा क्यों नहीं उठाया गया।