वाराणसी में गंगा खतरे के निशान से मात्र पौना मीटर दूर, कई इलाको में पहुँचा बाढ़ का पानी


प्रखर वाराणसी। गंगा के जलस्तर में कभी धीमी तो कभी तेज वृद्धि जारी है। शनिवार शाम छह बजे दो सेंमी प्रति घंटा की दर से जलस्तर बढ़ रहा था। इसके पहले शाम चार बजे यह रफ्तार तीन सेंमी प्रति घंटा जबकि सुबह वृद्धि की गति दो सेंमी प्रति घंटा थी। शाम चार बजे बाढ़ के चेतावनी बिंदु और जलस्तर के बीच महज 0.722 मीटर की दूरी रह गई थी। केन्द्रीय जल आयोग के अनुसार, पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार बारिश के चलते मैदानी क्षेत्र में गंगा की स्थिति अभी और गंभीर हो सकती है। आयोग ने एक हफ्ते बाद बनारस और आसपास के जिलों में सन-2019 जैसी बाढ़ की आशंका जताई है। इसे देखते हुए प्रशासन भी अलर्ट मोड में आ गया है। वहीं, बाढ़ जैसी स्थिति के चलते गंगा-वरुणा के तटवर्ती गांवों और मोहल्लों में हालात गंभीर होते जा रहे हैं। चिरईगांव ब्लॉक के ढाब क्षेत्र के कई गांवों में फसलों से भरे खेत जलमग्न हो गए हैं। पानी आबादी की ओर बढ़ चला है। दूसरी ओर गंगा के पलट प्रवाह से उफनाई वरुणा से प्रभावित 35 परिवारों को शनिवार को राहत शिविर में शिफ्ट कर दिया गया। डीएम कौशलराज शर्मा ने दोपहर में अस्सी से नमो घाट तक गंगा की बाढ़ से प्रभावित इलाकों व मुहल्लों का मोटर बोट से जायजा लिया। डीएम ने तटवर्ती निवासियों, सैलानियों के घाटों पर घूमने-फिरने, नहाने के साथ ही नाविकों की बोटिंग को प्रतिबंधित कर दिया है। जल पुलिस को निगरानी पर लगाया गया है तथा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से सम्बंधित थानों को भी भ्रमणशील रहने का निर्देश दिया गया है। गंगा और वरुणा के किनारे एनडीआरएफ व जल पुलिस मुनादी करा रही है। लोगों को सतर्क किया जा रहा है कि बाढ़ आने से पूर्व सुरक्षित स्थानों पर शरण ले लें। गंगा में दिन व रात पेट्रोलिंग बढ़ा दी गई है। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने शनिवार को एडीएम वित्त एवं राजस्व को निर्देशित किया कि सभी रैन बसेरों तथा बाढ़ राहत शिविरों को तत्काल चालू कर दिया जाए। उन्होंने नगर निगम, पीडब्ल्यूडी, सिंचाई, नागरिक आपूर्ति व आपदा राहत आदि संबंधित विभागों को सतर्क कर दिया है। रैन बसेरों व राहत शिविरों में सफाई, प्रकाश व्यवस्था के साथ तहसीलकर्मियों व अन्य सम्बन्धित विभाग के कर्मचारियों की तैनाती का निर्देश दिया है। बाढ़ चौकियां 24 घंटे संचालित रहेंगी। गंगा में बाढ़ से ढाब इलाके के कई गांवों की फसलें व सब्जियां डूबने के बाद अब आबादी भी प्रभावित होने लगी है। एसडीएम सदर व तहसीलदार ने ढाब इलाके में तैनात लेखपालों व सचिवों को गांवों का भ्रमण करने का निर्देश दिया है। शनिवार को वरुणा तट पर बसे कोनिया, सरैयां, पक्कापुल, कज्जाकपुरा, ढेलवरिया आदि आधा दर्जन इलाकों में बाढ़ का पानी पहुंच गया। यह देखते हुए प्रशासन ने 35 परिवारों को बाढ़ राहत शिविर में शिफ्ट कराया है। सैकड़ो परिवार प्रभावित क्षेत्रों से शिफ्ट होने की तैयारी कर रहे हैं। गंगा का जलस्तर बढ़ने से नगवां और ज्ञान प्रवाह नाला तक पानी पहुंच गया है। रविवार शाम तक नगवां, ज्ञानप्रवाह और टिकरी डेरावीर नाला से पानी के कॉलोनियों व बस्तियों में प्रवेश कर जाने की आशंका है। इन कालोनियों में हड़कम्प की स्थिति है। लोग सामानों को घर के दूसरे तल पर शिफ्ट करने में जुट गए हैं। रमना स्वास्थ केंद्र, मलहिया प्राथमिक विद्यालय, नगवा विद्यालय व गोयनका विद्यालय में बाढ़ राहत कैंप बनेंगे।