शाइन सिटी पर ईडी का शिकंजा वाराणसी में संपत्तियों की जांच शुरु


प्रखर वाराणसी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शाइन सिटी इंफ्रा की वाराणसी स्थित संपत्तियों की जांच शुरू कर दी है। ईडी मुख्यालय ने वाराणसी विकास प्राधिकरण से शाइन सिटी से जुड़ीं 23 कम्पनियों का ब्योरा मांगा है। इसके साथ पांच थानों में दर्ज मुकदमों और कार्रवाई रिपोर्ट का विवरण भी तलब किया गया है। निवेशकों के करोड़ों रुपये हड़पने के मामले में ईडी के लखनऊ स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में पिछले वर्ष अप्रैल में शाइन सिटी के तीन प्रबंध निदेशकों समेत चार के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया गया था। एफआईआर में मेसर्स शाइन सिटी इन्फ्रा प्रोजेक्ट लि. के प्रबंध निदेशक राशिद नसीम, आसिफ नफीस व मोहम्मद जसमीन खान और उनके पिता नसीम खान व अन्य को नामजद किया गया है। शाइन सिटी पर वाराणसी के रोहनियां, रामनगर, राजातालाब औऱ बाबतपुर में जमीन की खरीद-फरोख्त में सैकड़ों निवेशकों के करोड़ों रुपये हड़ने के आरोप हैं। राजातालाब के खजुरी में कम्पनी ने करीब 50 एकड़ जमीन की रजिस्ट्री कराई जबकि 400 एकड़ जमीन बेच दी। किसानों से जमीन के एग्रीमेंट के आधार पर निवेशकों से रुपये लिए गए लेकिन किसानों को रुपये नहीं मिले। निवेशकों से भी ठगी की गई है।निवेशकों से करोड़ों रुपये हड़पने के मामले में शाइन सिटी इंफ्रा के सीएमडी राशिद नसीम, एमडी आसिफ नसीम सहित अन्य लोगों के खिलाफ शिवपुर, कैंट, रोहनिया, सिगरा और चेतगंज आदि थानों में कुल 78 मुकदमे दर्ज हैं। सर्वाधिक मुकदमे कैंट थाने में दर्ज हैं। विगत दिनों कम्पनी के सिटी हेड राजीव कुमार सिंह को जयपुर के गुमान होटल से पुलिस ने गिरफ्तार किया गया था। कम्पनी के निदेशक अमिताभ श्रीवास्तव को दिल्ली से पकड़ा गया। बाद में अमिताभ की पत्नी को भी पुलिस ने पूरे साजिश में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। राशिद नसीम ने राजीव सिंह के नाम से राजातालाब और खजुरी में जमीन का पावर ऑफ अटॉर्नी बनाया। कंपनी की तरफ से जमीनों की खरीदारी राजीव करता था। वहीं, सेल्स की जिम्मेदारी अमिताभ श्रीवास्तव की थी। उससे राजीव की मुलाकात शाइन सिटी इंफ्रा टेक में हुई। अमिताभ के माध्यम से कंपनी का विस्तार दूसरे शहरों में हुआ। अमिताभ श्रीवास्तव कंपनी में एडिशनल डायरेक्टर भी था।