बाबा विश्वनाथ के चढ़ावे में घोटाला, बाबू निलंबित लेकिन फरार!

मनी ऑर्डर से आए चढ़ावे में बड़ा घालमेल, 10 वर्षों में आए मनीआर्डर से चढ़ावे के जांच की तैयारी

प्रखर वाराणसी। भ्रष्टाचारियों व घोटालेबाजों ने बाबा विश्वनाथ को भी नहीं छोड़ा। बता दें कि मिली जानकारी के अनुसार बाबा विश्वनाथ को मनीआर्डर के द्वारा आने वाले चढ़ावे में बड़ा घालमेल होने की शंका जताई गई है। बतादे कि पिछले एक वर्ष में आए मनीआर्डर में करीब डेढ़ लाख रुपए का अंतर जांच में पता चला है। मंदिर प्रशासन जल्द ही पिछले 10 वर्षों के चढ़ावे के तौर पर आए मनीआर्डर की जांच कराने की तैयारी कर रहा है। अधिकारियों को संदेह है कि जांच में लाखों रुपये की गड़बड़ी सामने आ सकती है। बताते चले कि मंदिर प्रशासन ने मार्च 2021 से जून 2022 तक आए मनी आर्डरों की जुलाई में जांच कराई थी। इस अवधि में 4 लाख 16 हजार 301 रुपये की धनराशि मंदिर के मुख्य कार्यपालक और काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के नाम से आई। लेकिन मंदिर कोष में 2 लाख 66 हजार 795 रुपये ही जमा कराए गए। 1 लाख 49 हजार 506 रुपये का मंदिर के कम्प्यूटर सहायक शिवभूषण द्विवेदी ने गबन कर लिया। यह जानकारी मिलते ही हड़कम्प मच गया। उच्चाधिकारियों के निर्देश पर मंदिर प्रशासन ने कम्यूटर सहायक के खिलाफ गत तीन अगस्त को चौक थाने में धोखाधड़ी और हेराफेरी का केस दर्ज कराया। इसके बाद विगत वर्षों के मनीआर्डर की पत्रावलियां खंगाली जाने लगी हैं। मंदिर प्रशासन 10 वर्षों के मनीआर्डर की जांच कराने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए लेखा विभाग के अधिकारियों को लगाया जाएगा। मनीआर्डर में घालमेल में मंदिर कार्यालय के दो अन्य कर्मचारियों की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। मंदिर प्रशासन का मानना है कि यह कार्य एक व्यक्ति के जरिए नहीं हो सकता है। इसमें दूसरे लोग भी शामिल हो सकते हैं। जांच के बाद मामला स्पष्ट हो जाएगा।मंदिर के चढ़ावा में गबन करने वाले कम्प्यूटर सहायक शशिभूषण द्विवेदी को मंदिर प्रशासन ने निलम्बित कर दिया है लेकिन अभी वह पुलिस की पकड़ से बाहर है। विश्वनाथ मंदिर सीईओ डॉ. सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि मंदिर के चढ़ावा में घालमेल की आगे भी जांच हो रही है। कर्मचारी की गिरफ्तारी का कार्य पुलिस का है।