सत्य को असत्य पर विजय दिलाने के लिए ही हुआ है संघावतार- रमेश जी


प्रखर प्रयागराज। विजयादशमी उत्सव के अवसर पर स्वयंसेवकों को प्रांत प्रचारक रमेश जी ने त्रिवेणी नगर स्थित नाग वासुकी मंदिर के सामने संपन्न हुये प्रयाग उत्तर भाग के कार्यक्रम में संबोधित किया। इसके पूर्व रमेश जी ने परंपरागत ढंग से अक्षत पुष्प आदि से शस्त्र पूजन किया।
उन्होने अपने उद्बोधन में कहा कि अनाचार पर सदाचार की विजय का प्रतीक है विजयदशमी का पर्व, इसी को सूत्र मानकर विजयदशमी के दिन संघ की स्थापना 1925 में की गई। उन्होंने आगे कहा राष्ट्र के वैभव को सर्वोच्च शिखर पर ले जाने के लिए संघ कृत संकल्प है। संघावतार सत्य को असत्य पर स्थापित करने के लिए ही हुआ है। विजया दशमी के दिन ही संघ की स्थापना का एकमात्र उद्देश्य राम के आदर्शों को एक बार पुनः राष्ट्र में स्थापित करना है। आगे बोलते हुए उन्होंने कहा कि संघ के प्रयासों से आज भारत पूरी दुनिया में मजबूत स्थिति में दिखाई दे रहा है। लक्ष्य तो अखंड भारत का निर्माण करना है जो महर्षि अरविंद का सपना था। उन्होंने कहा कि धारा 370 की समाप्ति, अयोध्या में भव्य राम मंदिर की शुरुआत काशी में विश्वनाथ मंदिर के सौंदर्यीकरण से देशवासियों की सैकड़ों वर्ष की आकांक्षा फलीभूत हुई है। उन्होंने अपने उद्बोधन ने कहा कि संघ का कार्य जन-जन में अनुशासन तथा राष्ट्रप्रेम का भाव भरकर देश के लिए सर्वस्व न्योछावर करने वाली पूरी पीढ़ी तैयार करना है जिसमे वह लगातार लगा हुआ है। पूजन के पश्चात पूर्ण गणवेश धारी, स्वयंसेवकों ने कंधे पर दंड संभाले विशाल संख्या में पंक्ति बद्ध होकर नाग वासुकी मंदिर के पूर्वी दरवाजे से घोष की धुन के साथ पथ संचलन शुरू किया। स्थानीय जन मानस ने गुलाब के फूलों की पंखुड़ियों की वर्षा कर स्वयंसेवकों का स्वागत किया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ श्याम प्रसाद मुखर्जी डिग्री कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. गोविंद दास ने किया। मंच पर सह विभाग संघचालक नागेंद्र भाग संघचालक लालता प्रसाद सहित कार्यक्रम में सैकड़ों स्वयंसेवक उपस्थित रहे ।