भारत को टी-20 विश्व कप जीताने के लिए गाजीपुर के लाल सूर्यकुमार यादव “आकाश” के पैतृक गांव में मनौती का दौर जारी


प्रखर गाजीपुर/डेस्क। टी- 20 वर्ल्ड कप का दौर जारी है, भारत धुआंधार बल्लेबाजी के साथ सेमीफाइनल पहुंच चुका है। भारत और इंग्लैंड के बीच सेमी फाइनल कल खेला जाएगा इसी बीच गाजीपुर के निवासी सूर्यकुमार यादव के गांव पर पूजा-पाठ का दौर जारी है। बतादे कि टी-20 के शीर्ष बल्‍लेबाज सूर्य कुमार यादव इन दिनों वर्ल्‍ड कप में अपनी धुआंधार बल्‍लेबाजी से धूम मचाए हुए हैं और वह इस विश्‍वकप में दूसरे सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्‍लेबाज भी हैं। गाजीपुर जिले के हथौड़ा गांव निवासी सूर्यकुमार के घर पर इन दिनों सिर्फ मनौतियों और पूजा के साथ ही धार्मिक अनुष्‍ठानों का दौर चल रहा है। सबकी एक ही कामना है कि भारत टी- 20 का विश्‍वकप जीते और सूर्यकुमार का बल्‍ला विरोधी टीम के छक्‍के छुड़ा दे। बल्‍ले की चमक से पूरी दुनिया को चकाचौंध करने वाले भारतीय बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव की मां स्वप्ना देवी ने टी- 20 क्रिकेट का विश्वकप भारत को जीतने के लिए छठपर्व पर मन्नत मांगी है। टी-20 क्रिकेट में पिछले वर्ष मार्च महीने में अपने चयन के बाद सूर्यकुमार ने अपने विस्फोटक अंदाज भरे बल्लेबाजी से दुनियाभर के क्रिकेट प्रसंशकों का ध्‍यान अपनी तरफ खींचा है।सूर्यकुमार की मां स्वप्ना देवी ने सात वर्ष पूर्व हथौड़ा गांव से अपने बेटे को भारतीय टीम में चयन का सपना लेकर छठपर्व का व्रत पूजन शुरू किया था। आइपीएल में मुम्बई की टीम की ओर से धुआंंधार बैटिंग कर अपने लाडले को परवान चढ़ते देख मां स्वप्ना देवी का सपना पूरा होने लगा और सूर्यकुमार यादव भारतीय क्रिकेट टीम के वनडे और टी-20 टीम में चयनित हो गए। इस साल स्वप्ना देवी अपने अन्य बहुओं के साथ मुंबई में छठपूजा में अपने बेटे की ख्याति में चार चांद और भारतीय टीम को विश्वकप जितने का वरदान मांगा। सूर्या की मां बड़े ही विधि विधान और धार्मिक अन्दाज में छठपर्व मनाती रही हैं। इस साल सूर्या की पत्नी देविशा के ऑस्ट्रेलिया में रहने के कारण दूसरी बहू सोनी और बेटी डिनल के साथ मुम्बई छठपूजन का पर्व मनाया। चार दिवसीय छठपर्व में प्रतिदिन सूर्यकुमार अपनी मां से वीडियो कॉलिंग पर बात करते रहे। सूर्यकुमार के चाचा राजकपूर ने बताया कि सूर्या का घरेलू नाम आकाश होने से उसे अपने नाम के अनुसार आकाश में चमक बिखेरने में खूब आनंद आता है। सूर्यकुमार भी अपने माता -पिता की तरह धार्मिक हैं और ईश्‍वर में आस्‍था रखने करने के कारण चार दिवसीय छठपर्व के दौरान चाहे जहां रहे हमेशा सात्विकता और सुद्धता का पूरा ध्यान रखते हैं।