हल्के में न ले खांसी, हो सकता है निमोनिया का कारण – डॉ संजय सिंह

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विश्व निमोनिया दिवस पर शारदा नारायण वेलफेयर ट्रस्ट ने आयोजित किया जनजागरूकता कार्यक्रम

प्रखर मऊ। दुनिया में हर साल 12 नवंबर यानी आज के दिन वर्ल्ड निमोनिया डे मनाया जाता है। इस दिन को मनाने के पीछे का मकसद आम लोगों के बीच निमोनिया की बीमारी के प्रित जागरुकता और गंभीरता पैदा करना है। इसी सिलसिले में आज शारदा नारायण अस्पताल में जन-जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमे अस्पताल चैयरमेन एवं वरिष्ठ चिकित्सक डॉ संजय सिंह ने लोगो को जागरूक करते हुए कहा की आमतौर पर छोटे बच्चों को निमोनिया जल्दी हो जाता है, हालांकि किसी भी उम्र में निमोनिया की बीमारी हो सकती है। निमोनिया की बीमारी में फेफड़े संक्रमित हो जाते हैं। ऐसे में तरल पदार्थ या फिर मवाद भरने से कफ, बुखार, सांस लेने में दिक्कत जैसी परेशानियां शुरू हो जाती हैं। वक्त पर अगर इसका इलाज मिल जाए तो मरीज ठीक हो जाता है, लेकिन थो़ड़ी भी लापरवाही होने की सूरत में मरीज की हालत गंभीर हो सकती है। कई बार यह बीमारी जानलेवा हो जाती है। निमोनिया होने की मुख्य वजह वायरस, बैक्टीरिया और कई तरह के अन्य सूक्ष्म जीव होते हैं। लक्षण के बारे में डॉ सिंह ने बताया की निमोनिया की शुरुआत आमतौर पर सर्दी, जुकाम से होती है। जब फेफड़ों में संक्रमण तेजी से बढ़ने लगता है, तो तेज बुखार के साथ सांस लेने में तकलीफ होती है। सीने में दर्द की शिकायत होने लगती है। पांच साल से कम उम्र के बच्चों को बुखार नहीं आता लेकिन खांसी और सांस लेने में बहुत दिक्कत हो सकती है। निमोनिया से बचने के लिए आप कुछ घरेलू उपचार और हेल्दी डाइट का पालन कर सकते हैं। हेल्दी डाइट न सिर्फ आपको हेल्दी रखने बल्कि निमोनिया से भी बचाने में मदद कर सकती है। हेल्दी डाइट में हरी सब्ज़िया, फलो का जूस ,अंडा, लहसन ,हल्दी आदि को शामिल कर सकते है। ज़्यादा परेशानी होने पर अपने नज़दीकी चिकित्सक से संपर्क करे।