मुख्तार के मनी लांड्रिंग मामले की आंच पहुंची सांसद अतुल राय व अफजाल अंसारी के परिवार तक!

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दोनों सांसदों व उनके परिवारों से कर सकती है ईडी पूछताछ

प्रखर डेस्क। पूर्वांचल के माफिया डॉन के तौर पर बदनाम बाहुबली मुख्तार अंसारी के खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग केस मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने अपनी जांच का दायरा बढ़ा दिया है. विधायक बेटे अब्बास अंसारी और साले सरजील रजा की गिरफ्तारी के बाद पूर्वांचल से बसपा के दो सांसद भी अब ईडी के रडार पर हैं. मिल रही जानकारी के मुताबिक दोनों सांसदों में से एक अंसारी परिवार से है तो दूसरा उनका करीबी है. ईडी जल्द ही नोटिस जारी कर दोनों सांसदों से पूछताछ कर सकती है. अब्बास अंसारी और सरजील रजा से हुई पूछताछ के बाद ईडी की टीम अब दोनों सांसदों का बयान दर्ज करने की तैयारी में जुटी है. गाजीपुर से सांसद और मुख्तार के बड़े भाई अफजाल अंसारी का बयान ईडी इसी साल मई महीने में पहले भी दर्ज कर चुकी है. ईडी के समन के बाद अफजाल अंसारी ने इसी साल 9 मई को प्रयागराज पहुंचकर ईडी दफ्तर में अपना बयान दर्ज कराया था. ईडी अब अफ़ज़ाल अंसारी को एक बार फिर से समन जारी कर उन्हें पूछताछ के लिए तलब करने की तैयारी में है। अब तक की जांच में सामने आया है कि सांसद अफजाल अंसारी ही मुख्तार, उसके बेटों व ससुराल के लोगों के अवैध कारोबार को सियासी तौर पर संरक्षण दिलाते थे. जांच में सहयोग न करने के आधार पर ईडी की टीम सांसद अफजाल अंसारी की गिरफ्तारी भी कर सकती है. कुछ दिनों पहले तक मुख्तार के परिवार के बेहद करीबी कहे जाने वाले घोसी सीट से बीएसपी के सांसद अतुल राय भी ईडी के निशाने पर हैं. अतुल राय सांसद चुने जाने के बाद से ही जेल में बंद हैं. सांसद अतुल राय इन दिनों प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल में बंद है. अतुल राय ने कारोबार और सियासत की शुरुआत मुख्तार अंसारी के परिवार से जुड़कर ही की थी. मुख्तार के परिवार और अतुल राय का कारोबार भी एक ही था. मुख्तार अंसारी के परिवार की कंपनी मोबाइल टावर लगाने का काम करती है. जबकि अतुल राय की कंपनी मोबाइल टावर में तेल सप्लाई का काम करती है. ईडी को शक है कि अतुल राय की कंपनी भी मुख्तार के परिवार की बेनामी है. अतुल राय की कंपनी में अघोषित तौर पर मुख्तार के परिवार की हिस्सेदारी हो सकती है. अब्बास अंसारी और सरजील रजा से हुई पूछताछ में भी ईडी को अतुल राय से जुड़ाव के बारे में काफी अहम जानकारियां मिली है. हालांकि लोकसभा चुनाव के दौरान मुख्तार के परिवार और अतुल राय में दूरियां बढ़ गई थी. मुख्तार के परिवार और अतुल राय में आर्थिक लेनदेन भी होता था. ईडी को अब इस बात का पता लगाना है कि क्या मुख्तार के परिवार और अतुल राय के रिश्ते सचमुच खराब हो गए हैं. क्या अब उनके बीच अब कोई कारोबारी रिश्ता नहीं है और कोई आर्थिक लेनदेन नहीं होता. या फिर सियासी दिखावे के लिए दोनों ने एक दूसरे से दूरी बनाकर रखी हुई है. ईडी का मानना है कि दोनों के रिश्ते अगर खराब हो भी गए हैं तो पहले दोनों के बीच ना सिर्फ कारोबारी रिश्ते थे, बल्कि जरायम की दुनिया से लेकर सियासत की फील्ड में मुख्तार अंसारी का परिवार ही अतुल राय का गॉडफादर हुआ करता था. ईडी की टीम जल्द ही प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल जाकर वहां सांसद अतुल राय का बयान दर्ज कर सकती है. सूत्रों के मुताबिक मनी लांड्रिंग केस में ईडी की जांच के दायरे में सांसद अफजाल अंसारी और सांसद अतुल राय आ चुके हैं. जरूरत पड़ने पर ईडी सांसद अफजाल अंसारी को गिरफ्तार कर सकती है. तो साथ ही दूसरे सांसद अतुल राय का मनी लांड्रिंग केस में भी वारंट बनवा सकती है. ईडी की जांच के दायरे में आने के बाद सांसद अतुल राय की मुश्किलें बढ़ना तय है. सांसद अतुल राय को छात्रा के यौन शोषण के मामले में राहत मिली हुई है, लेकिन वह दूसरे मामले में अभी जेल में है. ईडी ने शिकंजा कसा तो अतुल राय का जेल से बाहर आना मुश्किल हो जाएगा. मुख्तार अंसारी के खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच ईडी की प्रयागराज यूनिट कर रही है. ईडी की टीम ने मुख्तार के विधायक बेटे अब्बास अंसारी और साले सरजील रज़ा को गिरफ्तार किया हुआ है. ईडी इन दिनों कोर्ट की परमिशन से दोनों को अपनी कस्टडी रिमांड में लिए हुए हैं. अब्बास और सरजील का दो बार घंटों आमना सामना भी कराया जा चुका है. ईडी ने इस मामले में मुख्तार के परिवार की कंपनी के कुछ कर्मचारियों को भी पूछताछ के लिए समन जारी किया है. कंपनी के दो कर्मचारियों के बयान भी ईडी दर्ज कर चुकी है. इसके साथ ही सरकारी विभाग फ़ूड कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया के अफसरों को भी बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया है. मुख्तार अंसारी के परिवार ने सरकारी जमीन पर कब्जा कर उस पर निर्माण कराने के बाद सरकारी जमीन को सरकारी विभाग एफसीआई को ही किराए पर दे दिया था. ईडी यह पता लगाने की कोशिश में है कि एफसीआई को यह बात पता नहीं थी या फिर काली कमाई के गोरखधंधे में उसके अफसरों की भी मिलीभगत है. ईडी बयान से संतुष्ट नहीं हुई तो एफसीआई के अफसरों पर भी हो सकती है कार्रवाई।