मक्खियों के वजह से 10 गांव के लड़को की नहीं हो रही शादी, जिनकी हुई उनकी भी छोड़ कर जा रही!


प्रखर एजेन्सी। प्रदेश के हरदोई जिले के अहिरोरी ब्लॉक के 10 गांव के लोग मक्खियों का प्रकोप झेल रहे हैं, जबकि शासन-प्रशासन लाचार है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता व स्वास्थ्य मिशन इन गांवों में पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका है। बतादे कि मख्खियों की वजह से बिमारियों के फैलने के बारे में तो सभी ने पढ़ा और सुना होगा, लेकिन क्या कभी सुना है कि मखियों की वजह से शादियां टूट रही हैं और नए रिश्ते भी नहीं आ रहे? बात हैरान करने वाली है, लेकिन सच है. यूपी के हरदोई जनपद में 10 गांव के लोग मक्खियों से परेशान हैं. आलम यह है कि जिनकी शादी हो गई हैं उनकी पत्नियां मायके लौट रही हैं तो वहीं शादी योग्य हो चुके लड़कों के लिए नए रिश्ते भी नहीं आ रहे हैं. मक्खियों के आतंक से परेशान ग्रामीणों के साथ किसान यूनियन के नेता अब अनशन पर बैठे हैं. थाना बेनीगंज और ब्लॉक अहिरोरी में आने वाले 10 गांव बढ़ियइन पुरवा, कुईया, पट्टी, डही, सलेमपुर, फतेहपुर, झाल पुरवा, नया गांव, देवरिया और एकघरा ऐसे गांव हैं जहां मक्खियों का आतंक है. सबसे ज्यादा आतंक बढ़ियइन पुरवा में है. बता दें कि 2014 से पहले यहां सब कुछ ठीक था. सपा सरकार के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के कर कमलों द्वारा एक पोल्ट्री फार्म मेन रोड पर खुला. जिसके बाद से गांव में मक्खियों का प्रकोप बढ़ गया. गांव के लोग आवाज उठा रहे हैं कि वहां की गंदगी की वजह से मक्खियों ने आसपास के कई गांवों में जीना हराम कर रखा है. इस मामले को लेकर किसान यूनियन ने कई बार धरना प्रदर्शन किया. कई बार प्रशासन ने उनको सांत्वना दी, लेकिन हाल वही है जैसे पहले थे. बढ़ईइन पुरवा गांव में मक्खियां लगातार अपना आतंक फैलाये है. इस गांव में काफी सफाई दिखी, लेकिन हर घर में मरीज भी दिखे. कुछ बच्चियों ने कहा कि उनकी पढ़ाई लिखाई मुश्किल है. खाना-पीना मुश्किल है. रात में सोना मुश्किल है. कुछ अधेड़ युवकों का कहना है कि जब रिश्ते के लिए कोई यहां आता है तो उनके मक्खियां इतनी चिपक जाती हैं कि वह रिश्ता तो दूर, कुछ खाता पीता भी नहीं है और यह कह कर चला जाता है कि तुम्हारे गांव में कौन रहेगा. गांव की कई महिलाओं ने यह भी कहा कि उनके बेटों की शादी के रिश्ते नहीं आते. लोग आते हैं लेकिन उनका कहना है कि तुम्हारे गांव में इतनी मक्खियां है यहां मेरी लड़की नहीं रह सकती और चले जाते हैं. एक बहू भी मिली जो अपना झोला उठाये अपने मायके जा रही थी, उसका कहना था इस गांव में वह नहीं रहेंगी, जब मक्खियां चली जाएंगे तब यहां रहेंगे.