बहरियाबाद में नर्सिंग होम संचालक ने बड़े डॉक्टर से आपरेशन की बात कहकर खुद ही फाड़ा महिला का पेट, पीजीआई में इलाज के दौरान मौत

नर्सिंग होम संचालक फरार, पुलिस कर रही तरह तलाश

पोस्टमार्टम में दो दांत व सीने की हड्डी फेफड़े में धंसी पाई गई

प्रखर गाजीपुर। बहरियाबाद थाना क्षेत्र के कछुआ रायपुर बाजार स्थित प्राइवेट नर्सिंग होम में आपरेशन के लिए भर्ती महिला की मौत के बाद मंगलवार की सुबह परिजनों ने चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए शव को नर्सिंग होम के सामने रखकर करीब 6 घंटे तक प्रदर्शन किया। सूचना पर स्थानीय पुलिस के साथ ही उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी की टीम मौके पर पहुंची और शव का परीक्षण कर व नर्सिंग होम में भर्ती अन्य तीन मरीजों को जिला अस्पताल भेजने का निर्देश दिया। बाद में पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। वहीं मौके से अस्पताल संचालक फरार हो गया। बीते सोमवार की सुबह दुल्लहपुर थाना क्षेत्र के तिरछी गांव निवासिनी रेखा चौहान 24 को उसका पति अनीस चौहान बच्चेदानी के आपरेशन के लिए बहरियाबाद के कछुआ रायपुर बाजार स्थित मौर्य सौरभ नर्सिंग होम में भर्ती कराया। नर्सिंग होम संचालक लालजी मौर्या ने मृतका के पति को बताया कि शाम को वाराणसी से चिकित्सक आएंगे और आपरेशन होगा। शाम 6 बजे तक चिकित्सक के न आने के कारण वो खुद ही रेखा को आपरेशन थियेटर में ले गया और आधे घंटे बाद वापस बाहर आकर उसके पति से बताया कि पेट चीरकर ही आपरेशन होगा। ये कहकर संचालक पुनः आपरेशन थिएटर में चला गया और कुछ देर बाद जब वापस आया तो बताया कि रेखा की स्थिति गम्भीर है। फिर रेखा को परिजनों के साथ लेकर वो आजमगढ़ स्थित पीजीआई लेकर चला गया। जहां चिकित्सकों ने देखते ही जवाब दे दिया और नर्सिंग होम संचालक को कड़ी फटकार लगाई। इधर पति अनीस चौहान के रोने-गिड़गिड़ाने पर रेखा को भर्ती कर पीजीआई में इलाज शुरू कर दिया गया। लेकिन रात लगभग 10 बजे इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इस बीच मौका पाकर नर्सिंग होम संचालक मौके से फरार हो गया। रोते-बिलखते परिजन शव लेकर बहरियाबाद थाना क्षेत्र के चकबेनी रामपुर स्थित मृतका के मायके लेकर चले आए। अगली सुबह मंगलवार को ग्रामीण शव को लेकर नर्सिंग होम पहुंचे और सामने रखकर दोपहर दो बजे तक नर्सिंग होम संचालक लालजी मौर्या के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए प्रदर्शन किया। सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस दल-बल के साथ मौके पर पहुंची। इस बीच एक बार आक्रोशित ग्रामीणों की भीड़ अंदर घुसी लेकिन अभी वह कुछ कर पाती कि मौके पर मौजूद पुलिस ने मामले को सम्भाल लिया और समझा-बुझाकर भीड़ को नर्सिंग होम के बाहर निकाला। दोपहर लगभग एक बजे उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एसडी वर्मा तथा मिर्जापुर के प्रभारी क्षेत्राधिकारी डा. एके राव की टीम मौके पर पहुंची और परिजनों को समझा-बुझाकर विधिक कार्रवाई का भरोसा देते हुए शव का निरीक्षण किया। मृतका के दो दांत टूटे हुए थे। शव के सीने पर नीला निशान पड़ा था। जो सीपीआर देने के कारण रक्त जमने के कारण हो सकता है। साथ ही शरीर के पिछले हिस्से में रीढ़ का भी निरीक्षण किया। उसके बाद नर्सिंग होम का मुआयना करने के साथ ही पहले से ही भर्ती तीन अन्य महिलाओं से पूछताछ की। उनके भी तीन से पांच दिनों पूर्व बच्चेदानी व अपेंडिक्स के आपरेशन किए गए थे। जांच-पड़ताल कर दौरान तीनों मरीजों की स्थिति ठीक होने की बात कहते हुए इन्हें जिला अस्पताल रेफर करने की बात कही और पुलिस को निर्देश देते हुए परिजनों को विधिक कार्रवाई का भरोसा दिलाया। इसके बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। इस बाबत उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि आपरेशन के लिए बेहोशी का इंजेक्शन लगाने के बाद उक्त महिला को कार्डिएक अरेस्ट हो गया। जिस कारण नर्सिंग होम संचालक ने सीपीआर दिया। लेकिन संभवतः अनुभवहीनता के चलते सीने पर अधिक बल पड़ने के चलते सीने की हड्डी टूटकर फेफड़े में धंस गई होगी। कहा कि सम्बंधित के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी। इस सम्बन्ध थानाध्यक्ष संदीप कुमार ने बताया कि शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। मृतका के पति अनीस चौहान ने नर्सिंग होम संचालक के खिलाफ तहरीर दिया है। आगे की कार्रवाई की गई है। इधर जांच में दिखा कि नर्सिंग होम के सामने व दीवार पर लगे बोर्ड पर किसी चिकित्सक का नाम व डिग्री नहीं लिखा गया था। बावजूद इसके धड़ल्ले से नर्सिंग होम संचालक द्वारा ऑपरेशन व सर्जरी तक का काम कराया जा रहा था। नर्सिंग होम के अंदर बाकायदा चेम्बर, रिसेप्शन भी बनाया गया था। इसके बाद वाले अंदर के एक कमरे 5 खाली बेड पड़े थे। उसके पीछे हाल में काउंटर रखा गया था। जिस पर कम्प्यूटर वगैरह रखे गये थे। बेसमेंट में पूरब तरफ आपरेशन थिएटर बनाया गया था तथा पिछले हिस्से में स्थित वार्ड में तीन बेड पर महिलाएं भर्ती थीं।