तीन साल से एग्रीमेंट के लिए विभाग का चक्कर लगा रहा रेलवे द्वारा आवंटित दुकान की दुकानदार

सिटी स्टेशन के बाहर में आवंटित दुकानदारों पर करम और बनारस स्टेशन के बाहर आवंटित दुकानदारों पर सितम

प्रखर वाराणसी। बनारस रेलवे के इंजिनियरिंग विभाग द्वारा 3 साल पूर्व किए निविदा को आज तक निस्तारित नही किया जबकि निविदा में भाग लेने वाले ठिकेदार से 3 साल से रुपया जमा करवा कर केवल दौड़ाया जा रहा है । दुकान नंबर 63 के आवंटित दुकानदार वरुण सिंह ने बताया निविदा में उच्चतम बोली के माध्यम से दुकान आवंटित होनी थी मेरी बोली उच्चतम थी इसके बाद मुझसे बोली की धनराशि जमा करवा ली गई लेकिन आज तक ना दुकान संचालन के लिए मुझे दिया गया और ना ही एग्रीमेंट करवाया जा रहा है जबकि मैने बार बार विभाग का चक्कर लगाया है । वरुण सिंह ने आरोप लगाया है कि विभाग के अफसर अपने मनपसंद ठिकेदार को दुकान देना चाहते हैं, इसलिए आज तक बनारस स्टेशन के बाहर की दुकान का एग्रीमेंट नही किया जा रहा है। वही दूसरी तरफ सिटी स्टेशन पर भी पूर्व में निविदा हुई थी, वहां के दुकानदारों से एग्रीमेंट करते हुए दुकान संचालन की छूट दी गई। आरोप है कि सिटी स्टेशन के बाहर आवंटित दुकानों को अवैध तरीके से विभाग के मिली भगत से संचालित किया जा रहा है। जबकि विभागीय सूत्रों से पता चला है कि अभी एग्रीमेंट को विभाग द्वारा स्वीकृति नहीं मिली है। इसके अलावा पीड़ित वरुण सिंह का कहना है कि बनारस स्टेशन के 6 दुकानों के लिए 100% जमानत राशि मांगी जा रही है, जबकि सिटी स्टेशन के 9 दुकानों से 10% जमानत राशि मांगी गई है, और तो और उसके विभाग अमल भी किया है। अब सवाल यह उठता है एक ही विभाग दो तरह के नियम कैसे लागू करना चाहता हैं। साथ ही पता चला है कि सिटी में दुकानों को मिलीभगत से खुलवाया गया है। जबकि बनारस स्टेशन के सामने की दुकानों पर ताला लगा हुआ है । एक विभाग में कभी 20 प्रतिशत कभी 100 प्रतिशत तो कभी 10 प्रतिशत लेकर दुकान खुलवाने की बात कही जाती है, लेकिन आजतक अमल नहीं किया गया । दुकान नंबर 63 के आवंटित दुकानदार वरुण सिंह ने विभाग से आग्रह किया है, जल्द से जल्द दुकान आवंटित नही हुई तो परिवार के साथ विभाग के गेट पर धरना के लिए बाध्य हूंगा। सिटी स्टेशन के बाहर में आवंटित दुकानदारों पर करम और बनारस स्टेशन के बाहर आवंटित दुकानदारों पर सितम का आरोप लगाते हुए आशुतोष राय , गौरव यादव ने रेल मंत्री से इसकी शिकायत करने की बात कही है।