विवादों में बाबा बागेश्वर धाम, श्याम मानव की चुनौती के बाद और बढ़ा विवाद!


प्रखर डेस्क। पिछले दिनों बाबा बागेश्वर धाम के नाम से सोशल मीडिया पर काफी चर्चा हुई, जिसके बाद सोशल मीडिया पर बाबा बागेश्वर धाम के फॉलोअर्स की संख्या दिनोंदिन करोड़ों में होती चली गई। बाबा बागेश्वर धाम के चमत्कारों के आगे लोगों ने मत्था टेका। बता दे कि बाबा बागेश्वर धाम मध्य प्रदेश के छतरपुर में स्थित है। बाबा बागेश्वर धाम के बाबा पंडित धीरेंद्र शास्त्री, बाबा दिव्य नाम से दरबार लगाते हैं। इस दरबार में एक कथा भी होती है और लोगों की समस्या हल करने का दावा किया जाता है अब बाबा का यह काम साइंस पर विश्वास करने वालों को अंधविश्वास को बढ़ावा देने जैसा लग रहा है। साइंस को मानने वाले वर्ग के लोगों ने बाबा से कहा है कि वह बिना पूछे उनकी समस्याएं जानकर दिखाएं और जिस समिति ने उन्हें चुनौती दी है उस समिति ने 30 लाख का ऑफर भी उन्हें दिया है। अब समिति की चुनौती को बाबा धीरेंद्र शास्त्री ने स्वीकार कर लिया है। उन्होंने समिति के 30 लाख रुपए के ऑफर को ठुकरा भी दिया है, साथ ही उन्होंने कहा है कि मैं इन लोगों के सवालों का जवाब फ्री में दूंगा और साबित भी करूंगा। समिति के सदस्यों को रायपुर में 20 और 21 जनवरी को होने वाले दरबार में पहुंचना है। अब आपको बताते हैं कि नागपुर में हुई कथा के दौरान क्या हुआ था? हाल ही में बागेश्वर धाम के बाबा पंडित धीरेंद्र नाथ शास्त्री की कथा नागपुर में आयोजित थी। नागपुर की समिति ने इसी दौरान वीरेंद्र शास्त्री को उनके दावों को सिद्ध करने का चैलेंज कर दिया। समिति का आरोप है कि धीरेंद्र ने चैलेंज स्वीकार नहीं किया 5 जनवरी से 13 जनवरी तक कथा होनी थी। लेकिन बाबा बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र शास्त्री ने दो दिन पहले ही नागपुर छोड़ कर चले गए जबकि आमंत्रण पत्र और पोस्टर में 13 जनवरी तक कथा का जिक्र था वही बागेश्वर धाम के बाबा पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि नागपुर में हमारी कथा 7 दिन की थी। हम कथा छोड़कर नहीं भागे गुरु जी के जन्मदिन की वजह से सभी जगहों की कथा से दो 2 दिन कम कर दी गई। इसलिए नागपुर की कथा से भी 2 दिन कम कर दिए गए थे। इसी कारण हम वहां से चले आए। वही चुनौती देने वाली समिति के संस्थापक श्याम मानव जो नागपुर की अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के संस्थापक भी हैं। उन्होंने भी विरोध करना शुरू कर दिया है। एक कार्यक्रम में हिंदू संगठनों ने श्याम मानव का विरोध किया और जय श्रीराम के नारे भी लगाए। वही श्याम मानव का कहना है कि इसको चैलेंज एक्सेप्ट करना नहीं बोलते हैं। जहां हजारों भक्त होंगे उनके सामने कैसे इस चैलेंज को पार किया जा सकता है? यह साइंटिफिक तरीके से होना चाहिए, महाराज का दावा है कि वह व्यक्ति का नाम जान सकते हैं पिताजी का नाम जान सकते हैं उनकी उम्र जान सकते हैं उनका मोबाइल नंबर भी जान सकते हैं तो फिर महाराज जी यह सिद्ध करें कि कैसे कर रहे हैं। वही नागपुर के मामले में कहा कि नागपुर में सुरक्षित वातावरण है। बहुत अच्छे ढंग से यह कंडक्ट हो जाएगा और दूध का दूध पानी का पानी सिद्ध हो जाएगा। इसलिए महाराज को उनकी सहूलियत से उनकी डेट के हिसाब से यह सिद्ध करना चाहिए। वही प्रोफेसर श्याम मानव ने यह भी कहा कि हम बगल के रूम में 10 चीजें रखेंगे वह सभी 10 चीजों को पहचानें। उन्होंने खुद दावा किया है कि भक्तों की अलमारी में कौन सी चीज रखी है। यह दोनों प्रक्रिया नागपुर में सभी पत्रकारों के सामने होगी। दो बार यह चुनौती कंडक्ट की जाएगी। पहली बार और दूसरी बार में वह 90% या उससे ज्यादा सही जानकारी देते हैं, तो उन्हें दिव्य शक्ति है। यह मान लिया जाएगा, मैं उनके चरणों पर माथा टेक लूंगा और मैंने अपने बारे में गलत जानकारी दी ऐसा कह कर मैं माफी भी मांग लूंगा। मैं 40 साल से कई बाबाओं एक्सपोज किया हूँ, और इसके बाद संगठन को भी बंद कर दूंगा।