अब भारतीय संविधान संस्कृत में भी होगा उपलब्ध संपूर्णानंद बनेगा साक्षी

प्रखर वाराणसी/एजेन्सी। जल्दी अपने देश का संविधान हिंदी अंग्रेजी के बाद संस्कृत में भी उपलब्ध होगा। इसकी कवायद भी शुरू हो चुकी है। बता दें कि विधि मंत्रालय की अधिकारी मुकुलिका कुलकर्णी के निर्देशन में संस्कृत भाषा में संविधान के प्रकाशन का कार्य तेजी से चल रहा है। इसके लिए बकायदा विधि मंत्रालय कवायद भी शुरू कर दिया है. इस पहल के तहत आगामी 6 महीने में संस्कृत के संविधान का नया स्वरूप आम जनमानस को उपलब्ध हो जाएगा. इसको लेकर के तैयारियां जोरों पर चल रही हैं. हिंदी और अंग्रेजी के साथ संस्कृत भाषा में भी संविधान तैयार करने की कवायद 1963 में ही शुरू हो गई थी. हालांकि 1985 के बाद इसे संशोधित नहीं किया गया, जिसके बाद 2019 में 11 सदस्यीय समिति का गठन किया गया, जिन्होंने संविधान का संशोधन किया और इसे नए प्रारूप में उपलब्ध कराया. अब विधि मंत्रालय द्वारा जल्द इसके प्रकाशन का कार्य शुरू कर दिया जाएगा.संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. हरे राम त्रिपाठी ने बताया कि नई शिक्षा नीति 2020 के अनुसार सरकार प्रतिभाओं को अग्रसारित करने के लिए अपनी भाषा में अध्ययन अध्यापन की परंपरा को शुरू किया जा रहा है. इसी के तहत भारत के संविधान को भी संस्कृत में उपलब्ध कराने की योजना है. इसलिए आम जनमानस तक इसकी पहुंच को सुनिश्चित कराना आवश्यक है. इसी के क्रम में विधि मंत्रालय की अधिकारी मुकुलिता कुलकर्णी के निर्देशन में संस्कृत भाषा में संविधान के प्रकाशन का कार्य किया जा रहा है।