अब भाजपा को सत्ता से भगाना ही मेरे जीवन का लक्ष्य – शिवपाल

प्रखर एजेंसी। हम कृष्ण के वंशज हैं। कृष्ण और राम हमारे आदर्श हैं। हम सभी धर्म, जाति, ग्रंथ का बराबर सम्मान करते हैं। यही समाजवाद है। बहस का मुद्दा धर्म नहीं है। अब हमारा आगे का जीवन संविधान बचाने के लिए है। संविधान बचाएंगे और भाजपा को सत्ता से भगाएंगे। यही संकल्प है। इसी दो काम में पूरा जीवन लगाएंगे। इसकी शुुरुआत कर दी है। बतादे कि यह बातें सपा विधायक शिवपाल सिंह यादव ने कही। राष्ट्रीय महासचिव बनने के बाद वह अमर उजाला से खास बातचीत कर रहे थे। शिवपाल सिंह यादव मौजूदा सियासी हलचल और पार्टी के ही एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान से कन्नी काटते नजर आए। फिर इसे स्वामी प्रसाद का निजी बयान बताया। शुद्र के मुद्दे पर चलाई जा रही बहस से पहले बचे और फिर काफी कुरेदने पर समाजवादी विचारधारा की दुहाई दी। कहा यह विचारधारा स्वछंदता का अधिकार देती है। स्वामी प्रसाद और उनके जैसे अन्य लोग अपनी बात रख सकते हैं। जहां तक अखिलेश यादव का सवाल है तो उन्हें धार्मिक कार्यक्रम से रोका जाना गलत है। यह भाजपा की ओछी मानसिकता का परिचायक है। अखिलेश यादव और हम सभी का लक्ष्य सिर्फ संविधान बचाना है। यह वक्त भाजपा से लड़ने का है। जहां तक रामचरित मानस का सवाल है तो उसमें जो बातें हमें अच्छी नहीं लगती हैं, उसे नहीं मानना चाहिए। जो अच्छी लगे उसे आत्मसात करें। बहस में उलझने की जरूरत नहीं है। उन्होंने बार-बार धर्म और आदर्श की दुहाई दी। कहा कि भगवान श्रीकृष्ण और राम ने सभी को साथ लेकर चलने का संदेश दिया है। हम दोनों को आदर्श मानते हैं। धर्म की राह पर चलकर ही अधर्म का नाश किया जा सकता है। भाजपा राम का नाम लेती है, लेकिन काम उल्टा करती है। भगवान राम झूठ नहीं बोलते थे। भाजपा उनका नाम लेकर झूठ बोलती है। वे राम को मानते नही हैं बल्कि राम के नाम पर लोगों को भड़काते हैं। संविधान धर्म निरपेक्ष हैं। इसलिए उसे सभी को मानना चाहिए। भाजपा संविधान के उल्टे चल रही है।सपा राष्ट्रीय महासचिव ने भविष्य की रणनीति का खुलासा किया। कहा कि सभी धर्म एवं जाति के लोगों को एक साथ जोड़कर भाजपा के खिलाफ आंदोलन शुरू करने जा रहे हैं। पश्चिम से लेकर पूर्वांचल तक का दौरा हो चुका है। सपा से दूर होने वाले तमाम वरिष्ठ नेताओं के सवाल पर कहा किसभी से संपर्क कर रहे हैं। लोगों ने भरोसा दिया है कि साथ आएंगे। जिन लोगों ने दूसरे दल की सदस्यता ले ली है, उन्होंने सोचने का वक्त मांगा है। जिन लोगों ने सदस्यता नहीं ली है। वे फिर से सक्रिय हो गए हैं। अभी तक सपा कार्यालय में नहीं बैठने के सवाल पर मुस्कुराए। फिर दार्शनिक अंदाज में बोले इससे फर्क नहीं पड़ता है। सवाल कहीं बैठने न बैठने का नहीं है। सवाल है कि आपका उद्देश्य क्या है।? मेरा उद्देश्य स्पष्ट है। फिर आगे बोले, सभी की इच्छा थी कि पार्टी केराष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ रहें। हम साथ रहे और मैनपुरी जीत गए। आगे भी जीतेंगे। लोकसभा चुनाव में बदलाव दिखेगा।