पुराने 500 व 1000 के नोट से तैयार करता था 2000 के नोट देख बैंक के अधिकारी भी हैरान

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प्रखर एजेन्सी/मेरठ। 500 व 1000 के प्रतिबंधित पुराने नोटों से सुरक्षा धागा (सिक्योरिटी थरेड) निकालकर दो-दो हजार के नकली नोट आफताब और उसका जीजा शाहिद गिरोह बनाकर तैयार करते थे। पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की प्राथमिक जांच में यह नकली नोट बेहतर क्वालिटी के मिले हैं। इनको आसानी से पकड़ना मुश्किल है। नकली नोटों को पुलिस इंदौर या फिर नासिक लैब में भेजकर जांच कराने का दावा कर रही है। वहीं लैब की जांच रिपोर्ट के बाद जीजा-साले को यूएपीए एक्ट (आतंकवादी क्रियाकलापों के लिए दंड) के तहत भी नामजद किया जा सकता है। इस मामले में एनआईए, एटीएस, आईबी सहित कई सुरक्षा एजेंसी भी जांच में जुटी है। रविवार को घंटाघर पर सात दुकानदारों को दो-दो हजार के नकली नोट देकर सामान खरीदते आफताब निवासी अहमदनगर लिसाड़ीगेट को पकड़ा गया था। सोमवार को सुरक्षा एजेंसियों ने आफताब से पूछताछ की। आरोपी पहले तो सुरक्षा गुमराह करता रहा, बाद में जीजा शाहिद का नाम बताया।
शाहिद कैराना का निवासी है। उससे नकली नोट लाने की बात कही गई। आफताब ने दो बार हार्टअटैक का ड्रामा किया। उसका जिला अस्पताल में चेकअप कराया गया। इसके साथ ही पाकिस्तान से नकली नोट के कनेक्शन से लेकर अन्य तथ्यों का पता लगाने के लिए देहलीगेट पुलिस, सुरक्षा एजेंसी के साथ ही एडीजी राजीव सभरवाल ने भी गहनता से जांच की। अब तक की जांच में पता चला कि आरोपी आफताफ से बरामद नकली नोट की क्वालिटी 80 फीसदी असली नोट से मिलती-जुलती है। हाई क्वालिटी के पेपर पर स्कैन किया गया है। दो हजार के नकली नोट में छह साल पहले प्रतिबंधित हुए 500-1000 के नोट का सुरक्षा धागा भी मिला है। इसे थोड़ा घुमाने पर नीला और हरा रंग भी दिखाई देता है, जो असली नोटों में दिखता है। आम लोग इसी रंग को देखकर असली और नकली नोट की पहचान करते हैं। इस बारे में सेंट्रल बैंक के अधिकारियों से भी थाना पुलिस ने जानकारी ली है। इसमें बैंक अधिकारियों ने असली नोट में ऑप्टिकल वैरीवल इंक का इस्तेमाल होना बताया है। इस इंक का प्रयोग नकली नोट होने के संकेत हैं। सीओ कोतवाली अमित कुमार राय का कहना है कि नकली नोटों को इंदौर या फिर नासिक लैब में भेजकर जांच कराएंगे। रिपोर्ट से पता चलेगा कि नकली नोट में क्या-क्या इस्तेमाल हुआ है। इसके बाद आरोपी आफताब और उसके जीजा शाहिद पर दर्ज मुकदमे में यूएपीए की धारा भी बढ़ाई जा सकती है। फिलहाल दोनों पर धोखाधड़ी और जानबूझकर नकली नोट को बाजार में असली बताकर चलाने की धारा 489 बी, 489 सी और 489ई लगाई गई है। इस मामले में पाकिस्तान कनेक्शन और कैराना का पुराना रिकार्ड भी खंगाला जा रहा है। मेरठ पुलिस का दावा कि कैराना का नकली नोटों से पुराना कनेक्शन है। इसका मास्टरमाइंड 90 के दशक में इकबाल काना भी रहा है। पुलिस और सुरक्षा एजेंसी का दावा कि प्रतिबंधित 500-1000 के नोटों के अलावा भी 100-200 के नोट का सुरक्षा धागा निकालकर दो हजार के नकली नोट में लगाया गया है। दो हजार के नोट को तैयार करने में सिर्फ 175 रुपये खर्च होते थे। कम लागत में आमदनी ज्यादा कर शाहिद करोड़पति बन गया। बताया गया कि उसके पास चार लग्जरी गाड़ी और आलीशन मकान है। वह कैराना से ज्यादा लिसाड़ीगेट में रहता है। उसके गैंग में 15-20 युवक शामिल हैं जो नकली नोटों को बाजार में चलाते हैं। आफताब ने पूछताछ में अपने जीजा शाहिद की काफी जानकारी दी है, लेकिन उसके ठिकाने पुलिस को नहीं बताए। पुलिस उसको रिमांड पर लेकर पूछताछ कर सकती है। इसको लेकर सुरक्षा एजेंसियां भी अलर्ट है।