शासन की स्वीकृति के बिना ही गाजीपुर पीडब्ल्यूडी ने बना दी 21 करोड़ की सड़क

दो दर्जनों अधिकारीयों के खिलाफ जांच का आदेश

प्रखर गाजीपुर। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के गाजीपुर प्रांतीय खंड में 21 करोड़ रुपये घोटाले का मामला प्रकाश में आया है। शासन की बिना स्वीकृति 166 सड़कों पर इस राशि का खर्च दिखाया गया है। इस मनमानी के खिलाफ सरकार ने तत्कालीन अधिशासी अभियंता, 4 सहायक अभियंताओं व 15 अवर अभियंताओं और लेखाधिकारी के खिलाफ जांच के आदेश दे दिए हैं। दोषी पाए जाने पर बर्खास्तगी तक की कार्रवाई हो सकती है।यह घपला 2019-20 और 2020-21 में किया गया। इन दो वर्षों में 38 करोड़ रुपये का फंड डायवर्जन किया गया। इसमें 21 करोड़ ऐसे कामों पर खर्च दिखाए गए हैं, जो स्वीकृत ही नहीं थे। जबकि, शेष 17 करोड़ का डायवर्जन स्वीकृत सड़कों पर बताया जा रहा है। वाराणसी के मुख्य अभियंता कार्यालय की प्रारंभिक रिपोर्ट में अनियमितता की पुष्टि हुई है और यह रिपोर्ट शासन को मिल चुकी है। सूत्रों के मुताबिक, गैर स्वीकृत सड़कों पर काम हुआ भी है या नहीं, पुख्ता तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता। यह आगे की जांच में पता चलेगा। प्रकरण में आगे की जांच के लिए आजमगढ़ के मुख्य अभियंता को जांच अधिकारी नामित किया गया है। यहां बता दें कि इसी तरह की गंभीर वित्तीय अनियमितता बस्ती में 2018 में सामने आई थी। इसमें अब तक तत्कालीन एक्सईएन को बर्खास्त किया जा चुका है, जबकि दो सहायक अभियंताओं की बर्खास्तगी की संस्तुति उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को भेजी जा चुकी है।