उमेश पाल हत्याकांड मामला! बरेली, नैनी और बांदा जेल के वरिष्ठ अधीक्षक सस्पेंड

बाए से..जेल अधीक्षक राजीव शुक्ला, अविनाश गौतम, शशिकांत सिंह यादव

प्रखर लखनऊ/एजेन्सी। उमेश पाल हत्याकांड के बाद से उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार माफियाओं और उनसे गठजोड़ रखने वालों पर ताबड़तोड़ एक्शन ले रही है। मंगलवार को सरकार ने तीन जेलों के अधीक्षकों को सस्पेंड कर दिया। इनमें प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल, बांदा और बरेली जेल के अधीक्षक शामिल हैं। आरोप है कि इन अफसरों ने माफिया अतीक अहमद और मुख्तार अंसारी को मदद पहुंचाई और उन्हें वीआईपी ट्रीटमेंट दिया है। यह कार्रवाई गोपनीय जांच रिपोर्ट के आधार पर की गई है। प्रयागराज की नैनी जेल में उमेश पाल हत्याकांड के मुख्य साजिशकर्ता अतीक अहमद का बेटा अली बंद है। गैंग के कई और सदस्य भी यहां बंद हैँ। वहीं बरेली में अतीक का बड़ा बेटा मोहम्मद उमर और भाई अशरफ बंद है। बांदा में जेल में पूर्व सांसद मुख्तार अंसारी बंद है। डीजी जेल एसएन साबत ने इन तीनों जेलों की गोपनीय जांच कराई थी। जिसमें कैदियों को वीआईपी ट्रीटमेंट दिए जाने और मुलाकातियों को सहूलियत दिए जाने का आरोप लगाया गया था। जांच में बड़ा गड़बड़झाला सामने आया है। इसके बाद बरेली जेल अधीक्षक राजीव शुक्ला, नैनी जेल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक शशिकांत सिंह और बांदा जेल के अधीक्षक अविनाश गौतम को सस्पेंड किया गया है। तीनों अफसरों को लापरवाही और अनुशासनहीनता का आरोपी बताया गया है।