वाराणसी नगर निकाय चुनाव! भाजपा की राह में कहीं रोड़ा न बन जाए निर्दल व रूठे कार्यकर्ता


प्रखर वाराणसी। नगर निकाय चुनाव अपने शबाब पर है वाराणसी का नगर निकाय चुनाव इसलिए खास है कि प्रधानमंत्री वाराणसी के सांसद हैं। जिसको लेकर प्रदेश ही नहीं देश के तमाम राजनीतिक दल और नेताओं की नजर वाराणसी के नगर निकाय चुनाव पर केंद्रित हो जाती है। क्योंकि यहां की जीत – हार के मायने काफी बड़े माने जाते हैं। वाराणसी नगर निकाय चुनाव में टिकट बंटवारे के बाद काफी सक्रिय कार्यकर्ता नाराज हैं और कुछ ने तो निर्दल ही ताल ठोक दिया है। जिससे वर्षों से बीजेपी के पाले में रही वाराणसी नगर निकाय सपा, बसपा व कांग्रेस सहित अन्य दल अपने पाले में करने में लगे हुए हैं। वहीं बीजेपी से बागी प्रत्याशी भी गले का फांस बन चुके हैं। साथ ही कई दिग्गज निर्दल मैदान में हैं। जिससे बीजेपी का पलड़ा कहीं-कहीं हल्का नजर आ रहा है। भविष्य में कौन बाजी मारेगा यह तो चुनाव परिणाम आने के बाद ही पता चलेगा। जमीनी हकीकत की बात करें तो हर कोई बीजेपी को मात देने की फिराक में पड़ा हुआ है। वाराणसी के तमाम बीजेपी विधायक व मंत्री अपनी पूरी ताकत नगर निकाय चुनाव में झोंक चुके हैं। वही आने वाले दिनों में लगातार मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री की सभाएं भी प्रायोजित हैं। इसके अलावा तमाम केंद्र और राज्य के नेताओं की सभा होने की उम्मीद लगाई जा रही है। इससे साफ जाहिर होता है कि वाराणसी नगर निकाय चुनाव बीजेपी के लिए बेहद ही गंभीर है इसके अलावा सपा, बसपा व कांग्रेस के लिए भी वाराणसी नगर निकाय चुनाव बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। क्योंकि निकाय चुनाव को लोकसभा 2024 का सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा है। इसमें जीत हार से 2024 लोकसभा चुनाव पर काफी बल मिलेगा। वही वाराणसी में भाजपा के लिए खुद बड़ी चुनौती बने कुछ पूर्व पार्षद व वर्तमान बागी बीजेपी को सकते में डाल दिए हैं। पार्टी का टिकट ना मिलने से नाराज होकर कई नेता निर्दलीय मैदान में ताल ठोक कर बीजेपी से दो-दो हाथ करने को तैयार हैं। कुछ का कहना है कि जीतेंगे नहीं तो जितने भी नहीं देंगे। अब देखना यह है कि भाजपा से बागी हुए कार्यकर्ताओं के बागी होने का असर 13 मई की मतगणना के बाद किस तरफ जाता है। मौजूदा समय में बीजेपी के जिला इकाई के लिए यह बागी सिरदर्द जरूर बन गए हैं।