वाराणसी में हुआ लाख़ों का भूसा घोटाला

बड़ा सवाल कई महीनों से 132 गायों का भूसा आखिर कौन खा रहा था

प्रखर वाराणसी। चर्चित चारा घोटाला के बारे में तो आप सभी ने सुना होगा। लेकिन वाराणसी में भी एक सुर्खियां बटोर रहा घोटाला चर्चा में है। मामला वाराणसी जनपद का है, जहां पर लाखों का भूसा घोटाला किया गया है। बता दें कि यहां हजारों गायों को लोगों को पालने के लिए बांटा गया था। गोपालकों के मालिकों को ₹900 प्रति माह प्रति गाय चारा के तौर पर भूसे का भुगतान किया जाता था वही अधिकारी ने जब इन गायों का भौतिक सत्यापन कराया तो 132 गाये भौतिक सत्यापन में गायब पाई गई। जिसमें कुछ गायों की तो मौत हो चुकी थी, कुछ गायों को विभाग को लौटाया जा चुका था और कुछ गौपालकों ने गाय न मिलने की बात भी कही। बड़ा सवाल यह है कि इन गायों का भूसा आखिर कौन खा रहा था। जिसकी जांच अब की जा रही है। मामला सीएम निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना से जुड़ा हुआ है। संबंधित कर्मियो की मिलीभगत से गायों के चारे के नाम पर फर्जी पेमेंट कई महीनों से जारी किया जाता रहा। बता दें कि यह भुगतान लाखों में बताया जा रहा है। विभाग हर माह 132 गायों के लिए पिछले कई महीनों से 9-9 सौ रुपये भुगतान कर रहा था। गड़बड़झाले की जानकारी सीडीओ हिमांशु नागपाल को हुई तो जांच बैठा दी गई और जांच में मामला खुलकर सामने आया। पशुपालन विभाग ने सीडीओ के पास एक सूची भेजी जिसमें बीते 1 साल के अंदर 1233 लोगों को देखभाल के लिए 2383 गोवंश देने का दावा किया गया था। सीडीओ ने सूची में दिए गए नाम पते पर भौतिक सत्यापन कराया तो पशुपालक, 28 लोगों ने गाय मिलने से इनकार कर दिया, वही 25 लोगों ने बताया कि उन्होंने विभाग को कुछ दिन बाद ही पशु लौटा दिए थे। जबकि 79 गाये कुछ ही महीनों बाद मर गई। 132 गायों को वाराणसी के अलग-अलग ब्लॉकों में दिखाया गया है। अब मामला बेहद गंभीर हो चुका है, जिसकी जांच जमीनी स्तर से की जा रही है और इस पर सीडीओ का कहना है कि दोषियों पर सख्त कार्यवाई की जाएगी।