बाबा विश्वनाथ के साथ भी छल फर्जी दर्शन टिकट का गोरखधंधा उजागर

प्रखर वाराणसी। धोखाधड़ी करने वालों ने बाबा विश्वनाथ को भी नहीं छोड़ रहे। आमजन को तो धोखा दे ही रहे भगवान को भी धोखा देने से पीछे नहीं हट रहे। बाबा विश्वनाथ के विशेष दर्शन के लिए टिकट काउंटर बनाया गया है या फिर ऑनलाइन टिकट बुक किया जाता है। लेकिन धोखाधड़ी करने वालों ने इसमें भी भ्रष्टाचार कर टिकट का गोरखधंधा शुरू कर दिया। मंदिर के आईटी विशेषज्ञों ने नए एप्लीकेशन बनाकर गोपनीय तरीके से इसकी जांच की तो कुछ फर्जी टिकट का मामला सामने आया। बीते कुछ दिनों से मंदिर के अधिकारियों को फर्जी टिकट से दर्शन कराने के मामले की जानकारी मिल रही थी। ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों तरह के टिकट होने की वजह से इसे पकड़ पाना काफी मुश्किल होता था। इसके लिए मंदिर प्रशासन एवं डीसीपी सुरक्षा की टीम द्वारा संयुक्त प्रयास कर फर्जीवाड़ा पकड़ा गया। काफी खोजबीन के बाद मंदिर प्रशासन द्वारा स्वयं आईडी विशेषज्ञों की मदद से एक सिक्योरिटी ऐप तैयार कराया गया। इससे एक टिकट को एक बार ही उपयोग किया जा सकता है। इस ऐप की जानकारी गुप्त रखी गई थी। केवल गेट पर तैनात कर्मचारी क
को लॉगइन करने करके दिया जाता था। कुछ दिन पहले ही जारी हुए इस एप्लीकेशन से मंगलवार को कुछ टिकट मिले जिसमें एक ही टिकट को एक ही समय में अलग-अलग प्रवेश द्वारों से दलालों के माध्यम से प्रवेश कराया जा रहा था। मामले की जानकारी की गई तब मंदिर के अगल-बगल के दुकानदार और दलालों द्वारा टिकट को एडिट करके दर्शनार्थियों को अलग-अलग द्वारों से प्रवेश कराया जा रहा था। इस एप्लीकेशन की खासियत है कि एक बार एक जगह हो गया तो दूसरी या दूसरे प्रवेश द्वार पर इनवेलिड बताने लग रहा था । फर्जीवाड़े की जानकारी मिलते ही मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने शुभम पांडे निवासी पुत्र जयप्रकाश पांडे निवासी खोवा गली, अरुण पांडे पुत्र महेंद्र पांडे निवासी बड़ी पटिया थाना भेलूपुर, इरफान हैदर सोना अब्बास आलम निवासी शिवाला थाना भेलूपुर और चौथा शुभम अधिकारी निवासी सोनारपुरा के खिलाफ मंदिर प्रशासन के अधिकारियों द्वारा थाने में तहरीर दी गई है। मंदिर प्रशासन का कहना है कि सिक्योरिटी ऐप के लांच होने से यह फर्जीवाड़ा पकड़ा गया। पुलिस को जांच सौंप दी गई है। इसमें हेल्प डेस्क के एक आउटसोर्सिंग वर्कर के संलिप्तता की भी जांच कराई जा रही है। साथ ही और दलालों और दुकानदारों के शामिल होने की आशंका है, इसकी भी जांच कराई जा रही है। दोषियों के खिलाफ सख्त विधिक कार्यवाही की जाएगी। इस फर्जीवाड़े की जानकारी मंडलायुक्त पुलिस, पुलिस कमिश्नर, जिलाधिकारी सहित अन्य अधिकारियों को भी दे दी गई है।