भेलूपुर में लावारिस कार में मिले हवाला के लाखों रुपए की कहानी के सूत्रधार गुरुजी ने कराई कमिश्नरेट पुलिस की फजीहत

प्रखर वाराणसी। वाराणसी के भेलूपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत खोजवा शंकुधारा पोखरे के पास बीते दिनों लावारिस कार की स्थिति में करीब 9294000 रुपए मिलने के मामले में सारनाथ के एक गुरुजी की कहानी निकल कर सामने आई है। गुरुजी का प्रभाव यह है कि वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस के पुलिसकर्मी थरथर कांपते है और उनका फोन जाते हैं अपनी कुर्सी छोड़ खड़े होकर बात करने लगते हैं। कमिश्नरेट पुलिस के थानेदारों में गुरुजी का नाम बेहद ही चर्चित है। फिलहाल गुरुजी का मोबाइल बंद है और गुरुजी घर छोड़कर फरार है। पुलिस को उनकी तलाश है। संभावित ठिकानों पर दबिश दी जा रही है। अब आपको बताते हैं कि भेलूपुर थाना क्षेत्र के तहत मिले रुपयों की कहानी के बाद किस तरह वाराणसी के कमिश्नरेट पुलिस की किरकिरी और फजीहत गुरुजी के चक्कर में हुई है जो कि वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस न उसे निगल पा रही है ना ही उगल पा रही है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि गुरुजी की सूचना पर हवाला की तगड़ी रकम का खोजवा क्षेत्र में हेरफेर हुआ था और गुरुजी ने ही पुलिसकर्मियों को मदद करने पर तगड़े मुनाफे का लालच दिया था। इसी लालच के चक्कर में मामला उल्टा पड़ गया और पुलिस को मिलने वाले पैसों को लेकर पुलिसकर्मियों में ही मतभेद हो गया और मामला उच्चाधिकारियों तक पहुंचने के बाद खुल गया। बाद में पूरे प्रकरण में अधिकारियों ने संज्ञान लेकर गई कार्यवाही भी की। अब सभी की निगाहें पुलिस आयुक्त द्वारा डीसीपी को रिपोर्ट सौंपी जाने के बाद अब जांच रिपोर्ट में क्या कार्यवाही होती है, इस पर लगी हुई है? वही पुलिस सूत्र बताते हैं कि हवाला की बड़ी रकम हेरफेर के मामले में गुरुजी को पुलिस भेलूपुर थाने लाई थी और रुपए की बारामदी दिखाकर गुरुजी को छोड़ दिया। लेकिन वही पुलिस गलती कर बैठी और गुरुजी को छोड़ दिया । अब गुरुजी पुलिस के गले की फांस बन चुके हैं। साथ ही पुलिस सूत्रों का कहना है कि इस प्रकरण में लाइन हाजिर किए गए स्पेक्टर भेलूपुर रमाकांत दुबे एक ओर और उनके साथ पैसे का हेरफेर में शामिल अन्य पुलिसकर्मी दूसरे पाले में है। कई पुलिसकर्मियों का कहना है कि उन्हें कुछ भी जानकारी नहीं थी, जो थाना प्रभारी ने उन्हें निर्देश दिया था, उसी क्रम में अपनी ड्यूटी समझकर उनके साथ गए थे। इस पूरे प्रकरण में कुछ बडे अफसरों की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है। हालांकि डीसीपी आर एस गौतम की जांच रिपोर्ट में बातें स्पष्ट होगी। पूरे प्रकरण में भेलूपुर थाने की पुलिसकर्मी व काशी जोन के अफ़सर चुप्पी साधे हुए हैं। सभी का गुपचुप यही कहना है कि बड़े पैमाने पर हवाला के पैसे का लेनदेन हुआ है और इसकी जानकारी लखनऊ तक के वरिष्ठ अफसरों को हो चुकी है।