आखिर कौन है कुख्यात शूटर संजीव उर्फ जीवा हत्याकांड का मास्टरमाइंड?

बीकॉम डिग्री धारी युवक को किसने उपलब्ध कराया असलहा, वाहन व लखनऊ में रहने का दिया ठिकाना

जौनपुर का नाम आते ही राजधानी लखनऊ से अंडरवर्ल्ड तक छाया जौनपुर का नाम

प्रखर जौनपुर। यूपी में कभी आतंक का पर्याय रहे मुख्तार गिरोह के चहेते संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की हत्या ने बागपत जेल में मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद माफिया मुख्तार को यह सबसे बड़ा दूसरा झटका दिया है। लखनऊ कोर्ट रूम में दुस्सासिक तरीके से हुई इस हत्या में जौनपुर का नाम आते ही यह जिला शीर्ष खुफिया एजेंसियों के रडार पर आ गया है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर गठित एसआईटी टीम अपनी जांच के लिये बहुत जल्द जौनपुर आने वाली है। जो विजय यादव के आजमगढ़, मुंबई समेत पूर्वांचल के एक बाहुबली नेता का कनेक्शन तलाशने वाली है। पश्चिमी यूपी के कुछ नामचीन अपराधियों के तार इस बाहुबली से जुड़े बताए जा रहे हैं। चूंकि वेस्ट यूपी से पूर्वी यूपी तक 90 के दशक में भाड़े पर हत्याएं करने वाला जीवा भाजपा सरकार के पूर्व कद्दावर मंत्री ब्रह्मदत्त द्विवेदी को फर्रुखाबाद के लोहाई रोड पर 9, 10 फरवरी 1997 की रात एक मांगलिक कार्यक्रम से लौटते समय उनके सरकारी गनर बृज किशोर तिवारी के साथ मौत की नींद सुला दिया था। 29 नवम्बर 2005 को गाजीपुर के भाजपा पूर्व विधायक कृष्णानंद राय को उनकी गाड़ी के बोनट पर चढ़कर जीवा ने एके-47 से गोलियां बरसाई थी। जीवा के कभी उस्ताद रहे माफिया प्रेम प्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना बजरंगी जो जौनपुर जिले के सुरेरी थाना क्षेत्र के पूरे दयाल कसेरू गांव निवासी था । इस घटना में बजरंगी का नाम आते ही अंडरवर्ल्ड में जौनपुर का भी नाम तेजी से उभरा तो जुर्म जरायम से लेकर देश की नामी-गिरामी खुफिया एजेंसियों के कान खड़े कर दिए थे। इस बार संजीव उर्फ जीवा को राजधानी लखनऊ के भरी कचहरी में मौत की नींद सुलाने वाले जौनपुर के बीकॉम डिग्री धारी 20 वर्षीय युवक विजंय उर्फ आंनद यादव का नाम आते ही एक बार फिर प्रदेश की शीर्ष खुफिया एजेंसियों के रडार पर जौनपुर छा गया है। इसमें फर्क सिर्फ इतना है कि भाजपा विधायक कृष्णानंद राय को मारने वाला माफिया मुन्ना बजरंगी जौनपुर का निवासी था। इस बार बजरंगी के शागिर्द हे कुख्यात संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा उर्फ डॉक्टर को मौत की नींद सुलाने वाला विजय उर्फ आनन्द यादव जौनपुर का निवासी बीकॉम डिग्री धारी है। 9 जुलाई 2018 को बजरंगी की हत्या की सीबीआई जांच हुई पर अभी तक यह राज नहीं खुला की जेल में हत्या करने वाले सुनील राठी को पिस्टल किसने उपलब्ध कराई थी। मुख्य साजिशकर्ता कौन था। अब संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की हत्या में जौनपुर जिले के केराकत थाना क्षेत्र के सरकी सुल्तानपुर निवासी एक मामूली हमलावर का नाम आने से अंडरवर्ल्ड में भी चर्चा हो रही है । आखिर उसे राजधानी लखनऊ में किसने असलहा, वकील की कोट,फाईल, वाहन और रहने खाने के साथ ही घटनास्थल की रेकी कैसे और कब करवाई। श्यामा यादव के चार बेटों में दूसरे नंबर के पुत्र विजय उर्फ आनन्द बीकॉम डिग्री धारी इस नौजवान को इतने बड़े कुख्यात अपराधी को मारने का मसौदा किसने तैयार किया। यह खुद अपने आप में एक बड़ा अहम सवाल है। पुलिस महकमे के एक वरिष्ठ अधिकारी की माने तो इस वारदात के बाद से जौनपुर, आजमगढ़ समेत पूर्वांचल के कुछ सफेदपोश रसूखदार जांच एजेंसियों के रडार पर आ गए हैं। जिनसे पूछताछ के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर गठित तीन सदस्यीय एसआईटी टीम बहुत जल्द जौनपुर आने वाली है।