भाजपा- सुभासपा के बीच फिर गठबंधन की सुगबुगाहट, घोसी, गाजीपुर, भदोही व चंदौली में से दो सीटों पर बन सकती है बात!


गठबंधन व लोकसभा सीटों पर अगस्त में होगा फैसला

प्रखर वाराणसी/लखनऊ। सुभासपा की नज़दीकियां बीजेपी से दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। कयास लगाए जा रहे हैं कि आने वाले 2024 के लोकसभा चुनाव में सुभासपा बीजेपी के साथ गठबंधन में रहेगी। मिली जानकारी के अनुसार 13 जून को मुख्यमंत्री से वाराणसी सर्किट हाउस में सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जहुराबाद से विधायक ओमप्रकाश राजभर चुपके से मिले। लेकिन उनसे पूछने पर उन्होंने इसकी पुष्टि नहीं की। कयास लगाए जा रहे हैं कि जल्द ही सुभाषपा का गठबंधन बीजेपी के साथ होगा और लोकसभा चुनाव में बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ सकती है। बतादे कि 2022 के विधानसभा चुनाव के पहले भाजपा से रिश्ता तोड़ने वाले सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में एक बार फिर से खड़े दिखाई देंगे। इस बात के संकेत दिखने लगे हैं।
राजभर के बेटे अरूण राजभर की शादी के मौके पर भाजपा नेताओं का जुटान और उसके 48 घंटे के भीतर ही आधी रात को मुख्यमंत्री से बंद कमरे में राजभर की मुलाकात ने भाजपा से गठबंधन की तरफ साफ तौर पर इशारा कर रहा है। बताते चले कि वाराणसी दौरे पर आए मुख्यमंत्री योगी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर के बीच हुई करीब पौन घंटे की मुलाकात ने जहां प्रदेश में सियासी सरगर्मी को बढ़ा दी है। वहीं, सुभासपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण राजभर ने जो संकेत दिए है, उससे 2024 में सुभासपा का बीजेपी के साथ आना लगभग तय माना जा रहा है। दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद अरुण ने कहा था कि जल्द ही वह परिवार सहित लखनऊ पहुंचकर मुख्यमंत्री आवास जाकर योगी से आशीर्वाद लेंगे। अरुण के इस बयान के सियासी निहितार्थ निकाले जा रहे हैं कि राजभर के तल्ख बयानों को लेकर असहज रहने वाले मुख्यमंत्री को सहज करने की कोशिश है। हालांकि राजभर और भाजपा की तरफ से गठबंधन के बारे में अभी तक अधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा जा रहा है, पर दोनों तरफ के नेताओं द्वारा एक दूसरे के प्रति जिस सहजता से बयान दिए जा रहे हैं, उससे यह माना जा रहा है कि भाजपा-सुभासपा के नए रिश्ते की अधिकारिक घोषणा जल्द की जा सकती है। वहीं, उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि दोनों दलों के बीच गठबंधन को लेकर बातचीत लगभर पूरी हो चुकी है। हालांकि सूत्रो का मानना है कि पूर्वांचल की सामाजिक समीकरणों और प्रदेश की राजनीतिक गणित को देखते हुए भाजपा और राजभर को एक दूसरे की जरूरत है। दबे जुबान सूत्रों का कहना है कि राजभर गठबंधन की अधिकारिक घोषणा होने से पहले ही उन सीटों को पक्का करना चाहते हैं, जिनपर वह सुभासपा के उम्मीदवार लड़ाना चाहते हैं। सूत्रों का कहना है कि राजभर ने भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के सामने फिलहाल दो सीटों पर दावेदारी पेश की है। इनमें एक घोसी के अलावा गाजीपुर, भदोही और चंदौली में कोई भी एक सीट शामिल हों सकती है। वही माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद अब राजभर और भाजपा के बीच गठबंधन की अधिकारिक घोषणा होना बाकी रह गया है। जल्द ही राजभर की दिल्ली में भाजपा नेतृत्व से मुलाकात भी होनी है। इस मुलाकात में गठबंधन के स्वरूप को अंतिम रुप दिया जा सकता है । इसके बाद अगस्त में गठबंधन की घोषणा की जा सकती है। हालांकि राजभर के कोटे में लोकसभा की कौन सी सीट जाएगी, इसको चुनाव के समय ही सार्वजनिक की जाएगी।