चोलापुर में 3 वर्ष पूर्व पथरी की जगह महिला की डॉक्टर ने निकाल दी थी बच्चेदानी, कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज

ऑपरेशन के नाम पर 70 हजार रुपये लिए थे डॉक्टर ने

प्रखर चोलापुर वाराणसी। चोलापुर में एक नर्सिंग होम संचालक व एक स्थानीय आशा पर 2020 के मामले को लेकर एक मुकदमा कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुआ है। बता दें कि चोलापुर स्थित एक नर्सिंग होम में 2020 में पथरी के ऑपरेशन कराने आई एक महिला का डॉक्टर ने बच्चेदानी निकाल दिया। जिसके बाद शिकायत करने पर डॉक्टर ने उसे धमकाया पुलिस के पास पहुंची तो मामला नहीं दर्ज किया गया। जिसको लेकर वह कोर्ट में आवेदन दी और 3 वर्ष बाद नर्सिंग होम संचालक पर कोर्ट के आदेश पर चोलापुर थाने की पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। पूरे मामले के अनुसार चोलापुर थाने में गोला स्थित एक नर्सिंगहोम के डॉ. प्रवीण तिवारी और बेला की रहने वाली आशा कार्यकर्ता आशा यादव के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोप है कि पथरी का ऑपरेशन करने की जगह महिला की बच्चेदानी निकाल दी गई। शिकायत करने पर महिला और उसके पति को धमकी दी गई। पुलिस ने प्रकरण की जांच शुरू कर दी है। बतादे कि बेला गांव के रहने वाले गोविंद मौर्य के अनुसार, उनकी पत्नी उषा के पेट में 21 अप्रैल 2020 को दर्द हुआ। इस पर उन्होंने गांव की आशा कार्यकर्ता आशा यादव से संपर्क किया। आशा यादव उनकी पत्नी को गोला स्थित डॉ. प्रवीण तिवारी के नर्सिंगहोम ले गई। डॉ. प्रवीण ने जरूरी जांच वगैरह कराई तो सामने आया कि पथरी के कारण दर्द हो रहा है। 21 मई 2020 को उषा को ऑपरेशन के लिए नर्सिंगहोम में भर्ती कराया गया। ऑपरेशन का डॉक्टर ने 70 हजार रुपये लिया। मार्च 2023 में उषा के पेट में फिर दर्द हुआ तो उन्हें बनियापुर स्थित नर्सिंगहोम में दिखाया गया। डॉक्टर ने जांच कराई तो सामने आया कि उषा की पथरी का ऑपरेशन न करके उसकी बच्चेदानी निकाल दी गई है। इस संबंध में वह डॉ. प्रवीण तिवारी से मिले और बच्चेदानी निकालने की शिकायत किए तो वह नाराज होकर धमकाने लगे। गोविंद ने बताया कि वह और उनकी पत्नी निराश हो गए कि अब उन्हें कभी औलाद का सुख नहीं मिलेंगे। उन्होंने इसकी शिकायत चोलापुर थाने में की, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। इस पर उन्होंने अदालत में प्रार्थना पत्र देकर कार्रवाई की गुहार लगाई। उधर, चोलापुर थानाध्यक्ष राजेश त्रिपाठी ने बताया कि अदालत के आदेश पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।