भगवान की सगुन लीलाओ में तर्क का कोई स्थान नहीं- शांतनु


बीआरपी मैदान पर श्रीराम कथा के दूसरे दिन श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़

प्रखर जौनपुर। आचार्य शांतनु जी महाराज ने कहा कि इस धरा धाम पर जब जब असुरों के अत्याचार बढ़ते है तब तब प्रभु अवतार लेकर भक्तो को उनके संताप से मुक्त करते है। उन्होंने कहा कि भगवान की सगुन लीलाओं को भक्ति व विश्वास से सुनना चाहिए इसमे तर्क का कोई स्थान नही है।यह बात रामचरित मानस के खायतिलब्ध कथाकार शांतनु महराज ने सेवा भारती द्वारा स्थानीय बीआरपी इण्टर कालेज के मैदान पर बने भव्य पांडाल में आयोजित सात दिवसीय श्रीराम कथा के दूसरे दिन उपस्थित रामभक्तो को मानस कथा का रसपान कराते हुए अपने प्रवचन के दौरान कही। शांतनु महराज ने शिव विवाह की चर्चा करते हुए भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव की कथा के क्रम में प्रभु के जन्म के अनेक प्रसंगों को सुनाया ।उन्होंने कहा कि भगवान अपने भक्तो से कहते है कि जो भक्त श्रद्धा भक्ति से सब कुछ त्याग कर उनका भजन करते है प्रभु उनकी रक्षा उसी प्रकार करते है जैसे माँ अपने बच्चे की रक्षा करती है।मनु एवं शतरूपा के प्रसंग को सुनाते हुए महाराज जी ने कहा कि मनु महाराज ने जीवन के अंतिम समय मे सब कुछ त्याग कर हरि भजन का मार्ग चुना। हम सब का भी यही दायित्व है कि अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह करते हुए भगवान के भजन में मन लगाए। देवताओ की करुण पुकार को सुनकर भगवान ने सबको आश्वासन दिया कि मैं अब नर रूप में धरती पर अवतरित होने वाला हू। सभी देवता प्रभु की जय जयकार करने लगे।सम्पूर्ण अयोध्यावासी भगवान की आराधना कर रहे है और गोस्वामी जी ने भगवान के जन्म की तिथि घोषित कर दी। पूरे अयोध्या में बधाईया बजने लगी दसरथ जी मगन होकर प्रजाजनों को न्योछावर करने लगे।जयश्रीराम के उद्घोष से पंडाल में उपस्थित रामभक्त झूम उठे।पांडाल में आतिशबाजी हुई। रामजनमोत्सव सोहर गाकर मनाया गया।क्या पुरुष क्या नारी सभी रामधुन पर थिरकते नजर आए।देखते ही पूरा वातावरण राममय हो गया। मुख्य रूप से गिरीश चंद्र यादव खेल मंत्री स्वतंत्र प्रभार रमेशचंद्र मिश्र विधायक राजदेव सिंह बृजेश सिंह शैलेश पांडेय प्रिंसू रजनीकांत मिश्र संदीप सिंह संजय पांडेय गणेश ममता सिंह डा सुभाष सिंह डा उमेश तिवारी जितेंद्र यादव गुलाबचंद सरोज पंकज जायसवाल रामसिंह मौर्य सहित दर्जनों उपस्थित रहे।