आपकी रसोई का अदरक असली है या नकली जानिये!

0
567


प्रखर डेस्क। अदरक से भला कौन अपरिचित है। सर्दी हो या गर्मी हर एक के किचेन में अदरक देखने को मिल जाएगा। लोग थके हारे काम से वापस लौटते हैं और एक अदरक वाली चाय मिल जाए तो मिनटों में थकान दूर और दिमाग तरो-ताजा हो जाता है। इसके साथ ही सब्जियों में भी स्वाद और सेहत को ध्यान में रखते हुए अदरक का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन, आजकल यदि आप बाजार से अदरक खरीदने जा रहे हैं तो सावधान हो जाएं। क्योंकि अदरक के रूप में बाजारों में जंगली पेड़ की जड़ बेचीं जा रही है। उत्तर प्रदेश के बाजारों में जमकर नकली अदरक बेची जा रही है। और ऐसे में कहीं आप भी अदरक के नाम पर जहर तो नहीं खरीद रहें? ऐसा इसलिए क्योंकि बाजारों में नकली अदरक की जमकर बिक्री हो रही है, जो एकदम असली अदरक की तरह दिखती है। इस फर्जी अदरक में न तो अदरक के असली गुण हैं और न ही स्वाद। देखने में यह नकली अदरक बिल्कुल असली अदरक की तरह ही लगती है। अगर ध्यान से न देखा जाए तो इस नकली अदरक की पहचान कोई आसानी से नहीं कर सकता। बाजारों में विक्रेता इसे सुखाकर सोंठ के रूप में भी बेच रहे हैं। कोरोना काल के बाद अदरक का महत्व और अधिक बढ़ गया है। लोग अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए अदरक ले रहे हैं लेकिन चिंता की बात यह है कि अब बाजार में नकली अदरक की खेप उतारी जा रही है। ऐसे में आप बाजार से जो अदरक खरीदकर ला रहे हैं वह कितनी किफायती और सेहतमंद है ? इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। अब सवाल यह उठता है कि अदरक की पहचान कैसे की जाए ? ताे चलिए आज हम आपको बताते हैं कि कौन सी अदरक सबसे अच्छी होती है और बाजार में कितने प्रकार की अदरक बेची जा रही है। इस बारे में हमने एक व्यापारी से बात की तो उन्हाेंने बताया किस तरह से बाजार में नकली अदरक बेची जा रही है।

अदरक खरीदने के दौरान इन बातों का रखें ध्यान

व्यापारी ने बातचीत के दौरान बताया कि जब आप बाजार से अदरक खरीदने जाएं तो खुद अदरक का चुनाव करें। खरीदते समय यह ध्यान रखें कि अदरक की त्वचा पतली हो, जिसमें नाखून गड़ाकर देखेंगे तो त्वचा कट जाएगी। अब इसे सूंघकर देखें और परखें की इसकी तीखी खुशबू है या नहीं। अगर खुशबू तीखी है तो अदरक असली है और नहीं तो समझ जाएं कि आपकों अदरक के स्थान पर कुछ और ही बेचा जा रहा है।बाजार में मिल रही पहाड़ी जड़
दरअसल, कम समय में मुनाफ कमाने के चक्कर में उत्तराखंड के ऊपरी भाग में एक पेड़ होता है, जिसे तहड़ कहा जाता है। इस पेड़ की जड़ करीबन अदरक जैसी ही होती है। आयुर्वेद में इसको पहाड़ में अदरक के रूप में जाना जाता है। लेकिन, यह भी असली अदरक का कार्य नहीं करती है। सूखकर यह बिल्कुल अदरक जैसी ही नजर आती है और असली अदरक से बेहद सस्ती पड़ती है। बाजारों में इसे भी अदरक बताकर बेचा जा रहा है।देशी अदरक की पहचान करना बेहद असान है। यह बारीक चाल की होती है। इसकी पहचान खुशबू और अदरक में पड़ने वाली जाली से भी की जा सकती है। जब भी आप बाजार से अदरक लेने जाएं तो हमेशा उसे अच्छी तरह सूंघे। असली अदरक में तेज और तीखी गंध मौजूद होती है, जो नकली अदरक में नहीं होती। वहीँ देशी अदरक ज्यादा दिन तक घर में नहीं रखी जा सकती जबकि विदेशी व हाइब्रिड अदरक कई दिनों तक घर में रखा जा सकता है। यह जितनी पुरानी होगी उतना ही इसका स्वाद और गुण बढ़ेगा। अदरक जितना जलीदार और रेशेदार होगा वह उतनी ही गुणकारी और स्वाद वाली होगी।