आए दिन सीजरो के छोटे-छोटे विवाद पुलिस निपटाती थी, लेकिन पहली बार हुई हत्या- स्थानीय लोग

वीर बहादुर कई कंपनियों के ऋण वसूलते थे, जो घटना का कारण बना- एडीसीपी गोमती जोन

प्रखर वाराणसी। आए दिन अवैध रूप से सीजरों द्वारा जबरदस्ती गलत तरीके से फाइनेंस पर ली गई गाड़ियों को डरा धमकाकर सीज करने का मामला सामने आता रहता है। लेकिन छोटे-छोटे विवाद होते थे, हत्या हो जाएगी यह किसी को नहीं पता था! वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि इस प्रकार के लोग लगातार बाबतपुर चौराहे के आसपास घूमते रहते थे। आए दिन गाड़ियां पढ़ते थे, जिसको लेकर गाली गलौज तू- तू मैं- मैं में इत्यादि प्रकार के झगड़े होते थे। जिसमें पुलिस के हस्तक्षेप के बाद मामला रफत दफा हो जाता था। लेकिन हत्या पहली बार हुई है। बड़ा सवाल यह है कि आखिरकार इस तरह के मामले आए दिन होते रहते थे, तो पुलिस ने कड़ा कदम क्यों नहीं उठाया? अगर कड़ा कदम उठाया होता तो शायद इस तरह का संगीत अपराध न हुआ होता। बताते चले की रिंग रोड व बाबतपुर के क्षेत्र में अवैध तरीके से सीजरो का मकड़ जाल फैला हुआ है। जो गाड़ियों को दौड़ा कर पकडते हैं और उनसे वसूली भी करते हैं। सूत्र बताते हैं कि यह लोग जबरदस्ती लोन वाली गाड़ियों पकड़कर धमकाकर सीज करने की बात कह कर अवैध तरीके से पैसे वसूल करते है। ऐसे दर्जनों मामले बीते समय में हो चुके हैं, लेकिन ना तो इन फाइनेंसर (सीजरो) पर कोई कार्रवाई और ना हीं उन यार्डों पर जो अवैध तरीके से चलाए जा रहे हैं। जहां पर सीजरो द्वारा गाड़ियों को अवैध तरीके से जबरदस्ती ले जाकर बंद कर दिया जाता है और उन्हें उनसे मनमाने ढंग से वसूली की जाती है। बता दें कि वाराणसी शहर के आसपास क्षेत्र जैसे बाबतपुर, मिर्जामुराद, कपसेठी, जंसा, रोहनिया, मोहनसराय, लंका बाईपास, रामनगर बाईपास, चौबेपुर, चोलापुर मार्ग, रिंग रोड फेज 1 व रिंग रोड फेज 2 इन जगहों पर अवैध तरीके से सीजर खड़े रहते हैं और वाहनों के नंबर को देखकर उन्हें रोकते हैं, नहीं रुकने पर उनका अपनी गाड़ियों से पीछा कर ओवरटेक करके रोकने का प्रयास करते हैं। जिसमें कई बार बड़ी दुर्घटना होते-होते भी बचाती है। यही कारण रहा की ओवरटेक करने के चक्कर में वीर बहादुर गाड़ी को रोक लेकिन असलहा से लैस गाड़ी में कुछ लोगों ने उनके ऊपर फायरिंग कर दी, जिसके बाद उनकी हॉस्पिटल में मौत हो गई। वही इस मामले में गोमती जॉन के एडीसीपी टी शरवणन ने बताया कि मृतक वीर बहादुर कई कंपनियों के लिए ऋण वसूलत था, जो घटना का कारण बनी। अब बड़ा सवाल यह है कि आखिरकार एक ही व्यक्ति को कई कंपनियों ने रऋण वसूलने के लिए क्यों रखा, यह जांच का विषय है? सूत्र बताते हैं कि सीजर गाड़ी सीज करके अपने हिसाब से अलग-अलग अवैध तरीके से चल रहे यार्डों में खड़ी करवाकर अवैध तरीके से वसूली का भी काम करते हैं। 50 वर्षीय वीर बहादुर मूल रूप से चोलापुर थाना क्षेत्र के पलहिपट्टी क्षेत्र के निवासी थे। चार भाइयों में दूसरे नंबर पर थे। परिजनों व पत्नी एक पुत्र दो पुत्रीयो का रो-रो कर बुरा हाल है। इनमें एक पुत्री की शादी हो चुकी थी। उक्त मामले में क्राइम ब्रांच समेत पुलिस की छह टीमें गिरफ्तारी के लिए लगाई गई हैं। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए वाराणसी से प्रयागराज समेत दोनों जिलों के बीच पडने वाले जिलों को अलर्ट करते हुए, वाहन चेकिंग का पुलिस द्वारा निर्देश दिए गए हैं।