अपने जन्मदिन पर मायावती का ऐलान बसपा अकेले लड़ेगी लोकसभा चुनाव!


धर्म और संस्कृति की आड़ में राजनीति’

प्रखर लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने जन्मदिन पर बड़ा एलान किया। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में बसपा किसी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेगी। अकेले ही चुनाव मैदान में उतरेगी। इस दौरान उन्होंने भाजपा की फ्री राशन स्कीम पर करारा प्रहार किया। अखिलेश यादव पर भी हमला बोला। 2024 चुनाव में बसपा किसी से गठबंधन नहीं करेंगे। लोकसभा चुनाव अकेले लड़कर बेहतर रिजल्ट लाएंगे। गठबंधन में चुनाव से हमारी पार्टी को नुकसान होता है। गठबंधन से बसपा को फायदा कम, नुकसान ज्यादा होता है। हमारी पार्टी को धांधली की वजह से नुकसान ज्यादा होता है। उन्होंने कहा कि सवर्ण वोट बसपा पर ट्रांसफर नहीं होते। इसलिए बसपा किसी के साथ गठबंधन नहीं करेगी। चुनाव के बाद उचित भागीदारी मिलने पर समर्थन दिया जा सकता है। लेकिन यह समर्थन मुफ्त मे नहीं दिया जाएगा।सांप्रदायिक सोच वाली पार्टी से दूरी रखेंगे। अधिकांश दलों की मानसिकता जातिवादी। उन्होंने कहा कि हर चुनाव में ईवीएम में धांधली हो रही है। ईवीएम के विरोध में बहुत आवाज उठी। देश में निष्पक्ष चुनाव होना चाहिए।
मायावती ने भाजपा सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि लोगों को फ्री राशन का झांसा दिया। राशन देकर गुलाम बनाया जा रहा है। मायावती ने कहा कि यूपी में हमारी योजनाओं की नकल की जा रही है। धर्म की आड़ में राजनीति की जा रही है। मायावती ने कहा कि हमने उत्तर प्रदेश में अपनी चार बार की सरकार में सभी वर्गों के लिए काम किया था। अल्पसंख्यक, मुस्लिम, गरीब, किसान और मेहनतकश लोगों के लिए जनकल्याणकारी योजनाएं चलाई थीं। इन योजनाओं को सरकारें नाम और स्वरूप बदल कर अपना बनाने की कोशिश कर रही हैं। लेकिन जातिवादी होने की वजह से यह काम नहीं हो पा रहा है। ‘फ्री में थोड़ा सा राशन देकर गुलाम बनाने की कोशिश’
मायावती ने हमला करते हुए कहा कि लोगों को रोजगार देने के बजाय फ्री में थोड़ा सा राशन देकर अपना मोहताज बनाया जा रहा है, जबकि हमने अपनी सरकार के दौरान वर्तमान सरकारों के जैसे लोगों को अपना मोहताज नहीं, बनाया बल्कि सरकारी और गैर सरकारी क्षेत्रों में रोजगार के साधन उपलब्ध कराए। मायावती ने आगे कहा कि हमने अपनी सरकार में लोगों को सम्मान और स्वाभिमान ऊंचा करने का अवसर भी दिया, लेकिन वर्तमान में यह होता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है। केंद्र और राज्य सरकार धर्म और संस्कृति की आड़ में राजनीति कर रही है। इससे लोकतंत्र कमजोर हो रहा है। इस दौरान मायावती ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर भी निशाना साधा। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि विपक्ष के इंडिया गठबंधन को लेकर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने बसपा के लोगों को गुमराह करने के लिए गिरगिट की तरह रंग बदला है। उससे बसपा के लोगों को सतर्क रहना होगा। बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि पिछले महीने मैंने आकाश आनंद को अपना एकमात्र उत्तराधिकारी घोषित किया था जिसके बाद मीडिया में यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि मैं जल्द ही राजनीति से संन्यास लेने वाली हूं। मैं बताना चाहूंगी कि इन अटकलों में रत्ती भर भी सच्चाई नहीं है। मैं अंतिम सांस तक बसपा को मजबूत करने का काम करती रहूंगी। उन्होंने कहा कि ईवीएम में धांधली की खबरें मिल रही हैं। विदेशों की तरह यहां भी यह व्यवस्था खत्म हो सकती है। इसमें बदलाव भी हो सकता है तब बसपा का वोट प्रतिशत भी बढ़ जाएगा। बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि मुझे राम मंदिर रे प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण मिला है, मैंने इसपर कोई फैसला नहीं लिया है क्योंकि मैं अपने पार्टी के काम में व्यस्त हूं, लेकिन अयोध्या में 22 जनवरी को जो कार्यक्रम हो रहा है उसका हम स्वागत करते हैं। आगे चलकर अगर मस्जिद को लेकर ऐसा कोई कार्यक्रम होता है तो उसका भी हम स्वागत करेंगे। हमारी पार्टी धर्मनिरपेक्ष पार्टी है, हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं।